Thursday, July 10, 2025

अमेरिका ने ईरान पर हमले में भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग नहीं किया

प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) की तथ्य जांच इकाई ने उन दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया है जिनमें कहा जा रहा था कि अमेरिका ने अपने सैन्य अभियान ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के दौरान ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया। PIB ने इस दावे को “झूठा” और “ग़लत जानकारी फैलाने वाला” बताया है।

रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में PIB की फैक्ट चेक यूनिट ने स्पष्ट रूप से कहा,

कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में यह आरोप लगाया गया था कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु ढांचे को निशाना बनाने के लिए भारत के हवाई क्षेत्र से अपने सैन्य विमानों को गुजारा। इन्हीं भ्रामक पोस्ट्स का खंडन करते हुए PIB ने अमेरिकी सेना के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ जनरल डैन कैन की प्रेस ब्रीफिंग का हवाला दिया। उस ब्रीफिंग में जनरल कैन ने अमेरिकी विमानों द्वारा इस्तेमाल किए गए वैकल्पिक रास्तों का विवरण दिया और इस दावे को निराधार बताया।

फैक्ट चेक पोस्ट में लिखा गया:

“कई सोशल मीडिया अकाउंट्स ने दावा किया है कि ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के दौरान ईरान के खिलाफ विमान लॉन्च करने के लिए अमेरिका ने भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग किया था। यह दावा फर्जी है। प्रेस ब्रीफिंग के दौरान, ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन कैन ने स्पष्ट रूप से बताया कि अमेरिकी विमानों ने कौन-कौन से मार्ग अपनाए और भारत का कोई लेना-देना नहीं था।”

ऑपरेशन मिडनाइट हैमर: हमला और रणनीति

रविवार को ईरान की प्रमुख परमाणु सुविधाओं – नातान्ज़, फोर्डो और इस्फ़हान – पर अमेरिका ने बड़ा हमला किया। इस अभियान को “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” नाम दिया गया था और इसका उद्देश्य था ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को “गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाना।”

पेंटागन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में जनरल डैन कैन ने ऑपरेशन की समयरेखा, रणनीति और रूट मैप साझा किया। उन्होंने कहा कि ईरान के स्थानीय समय अनुसार लगभग रात 2:10 बजे (अमेरिकी समयानुसार 6:40 PM EST), लीड B-2 बमवर्षक विमान ने फोर्डो में पहला GBU-57 MOP (Massive Ordnance Penetrator) बम गिराया। उसके बाद, अन्य बमवर्षकों ने भी अपने लक्ष्य सफलतापूर्वक भेदा और कुल 14 MOP बम गिराए गए।

जनरल कैन ने बताया कि पूरे ऑपरेशन के दौरान अमेरिकी सेना ने “सामरिक आश्चर्य” बनाए रखने के लिए कई प्रकार की “धोखेबाज़ी रणनीतियाँ” अपनाईं। इनमें नकली मिसाइलें, लो-फ्लाइंग विमानों द्वारा ध्यान भटकाना और मुख्य हमले से पहले अन्य विमानों को सामने से भेजना शामिल था ताकि ईरानी रडार भ्रमित हो जाएं।

उन्होंने आगे बताया कि अमेरिका ने ऑपरेशन के दौरान बहुत ही सीमित संचार का इस्तेमाल किया और हमले की सटीकता बनाए रखने के लिए कुछ हिस्सों को जानबूझकर प्रशांत क्षेत्र की ओर भेजा गया ताकि यह भ्रम बना रहे कि असली हमला कहीं और होने वाला है।

मुख्य हमला सात B-2 स्पिरिट बमवर्षकों द्वारा किया गया, जिनमें से हर एक में दो पायलट थे। यह हमला अमेरिका की सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के कमांडर जनरल एरिक कुरिल्ला के नेतृत्व में हुआ।

व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया और ईरान की निंदा

हमले के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस से संबोधित करते हुए कहा,

“यह एक सटीक और अत्यंत सफल ऑपरेशन था। हम ईरान को चेतावनी देते हैं कि अगर शांति भंग हुई तो आगे और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

वहीं ईरान ने इन हमलों की कड़ी निंदा की और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय कानून और विशेष रूप से परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का उल्लंघन बताया। ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) ने एक बयान जारी कर कहा कि

“ईरान के खिलाफ किया गया यह क्रूर आक्रमण अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ है और हम अपने परमाणु कार्यक्रम को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”


सोशल मीडिया पर वायरल यह दावा कि अमेरिका ने ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के दौरान भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग किया — पूरी तरह गलत और भ्रामक है। PIB की तथ्य जांच इकाई और अमेरिकी सैन्य नेतृत्व दोनों ने स्पष्ट रूप से इसे खारिज किया है।

Latest news
Related news