राजधानी अमरावती के पुनर्निर्माण परियोजना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में भाग लेने के लिए शुक्रवार को कृष्णा, एनटीआर और गोदावरी जिलों से हजारों की संख्या में लोग अमरावती पहुंचे। इस बड़ी जनसभा के लिए सरकार ने परिवहन व्यवस्था को सुलभ बनाने हेतु सैकड़ों आरटीसी, निजी स्कूल और कॉलेज की बसों का इंतज़ाम किया।
लंबी यात्रा को सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने के लिए प्रत्येक वाहन में भोजन, पानी और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की गई थी। प्रतिभागियों को पूरे दिन के दौरान नाश्ता, दोपहर का भोजन, स्नैक्स और रात का खाना उपलब्ध कराया गया। गर्मी और निर्जलीकरण से बचाव के लिए ओआरएस पैकेट, केले, अमरूद, केक और बोतलबंद पानी वितरित किया गया। साथ ही, प्रमुख मार्गों पर पानी के स्टॉल, छाछ वितरण केंद्र और अन्य पेय पदार्थों की व्यवस्था भी की गई थी।
यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए हर बस में एक समन्वयक, एक महिला पुलिस अधिकारी और एक सहायक नर्स मिडवाइफ (ANM) को तैनात किया गया था। हालांकि यात्रा प्रबंध सुदृढ़ थे, फिर भी भारी वाहनों की आवाजाही के कारण एलुरु, कृष्णा और गुंटूर जिलों के टोल गेटों पर यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई।
पश्चिमी गोदावरी जिले के भीमावरम शहर से पुराने बस स्टैंड से कलेक्टर चादलवाड़ा नागरानी ने 150 बसों के काफिले को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जिले के विभिन्न हिस्सों से लगभग 7,500 लोग इस जनसभा में भाग लेने के लिए निकले। कलेक्टर नागरानी ने बताया कि ये सारी व्यवस्थाएं मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के निर्देश पर की गई थीं।
इस यात्रा की निगरानी विधायकों और स्थानीय अधिकारियों द्वारा की गई ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रतिभागियों को सभी आवश्यक सुविधाएं समय पर मिलें। यातायात और रसद संचालन को बेहतर बनाने के लिए प्रमुख चौराहों और मार्गों पर पुलिस और अन्य नागरिक कर्मचारियों को तैनात किया गया था।
यह कार्यक्रम इसलिए भी महत्वपूर्ण रहा क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी से यह अपेक्षा की जा रही थी कि वे अमरावती को राजधानी के रूप में केंद्रीय समर्थन दोहराएँगे और राज्य के विकास एजेंडे को मजबूती से प्रस्तुत करेंगे। इस अवसर पर उमड़ी विशाल भीड़ ने यह स्पष्ट संकेत दिया कि राज्य की जनता अमरावती को राजधानी बनाए रखने और इसके पुनर्निर्माण की योजनाओं में गहरी दिलचस्पी रखती है।
