अदनान सामी का जबरदस्त शारीरिक परिवर्तन सालों से लोगों के बीच चर्चा और कौतूहल का विषय रहा है। उनकी पहले की तस्वीरों और आज की फिट काया को देखकर कई लोगों ने कयास लगाए कि यह बदलाव शल्य चिकित्सा यानी बैरिएट्रिक सर्जरी या लिपोसक्शन की मदद से हुआ है। लेकिन अब खुद मशहूर गायक और संगीतकार अदनान सामी ने इस रहस्य से पर्दा हटा दिया है।
भावनात्मक मोड़ बना प्रेरणा
हाल ही में ‘इंडिया टीवी’ के लोकप्रिय शो आप की अदालत में रजत शर्मा से बातचीत के दौरान अदनान सामी ने अपने जीवन के उस निर्णायक क्षण को साझा किया, जिसने उन्हें वजन घटाने की राह पर चलने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने बताया कि उस समय उनके पिता अग्नाशय के कैंसर से जूझ रहे थे और इलाज के लिए उन्हें लंदन के क्रॉमवेल अस्पताल ले जाया गया था। वहां डॉक्टर ने अदनान को एक कठोर चेतावनी दी कि यदि उन्होंने अपनी जीवनशैली में बदलाव नहीं किया, तो वे छह महीने से ज्यादा जीवित नहीं रह पाएंगे। यह सुनकर वे थोड़े स्तब्ध तो हुए, लेकिन यह चेतावनी उनके भीतर गहराई से असर नहीं कर पाई।
मगर उसी रात, उनके पिता ने भावुक होकर उनसे आग्रह किया कि वे खुद के लिए नहीं तो कम से कम अपने पिता के लिए बदलें — जीने की कोशिश करें। यही भावनात्मक अपील अदनान के दिल को छू गई। उस क्षण उन्होंने निश्चय कर लिया कि वे अपनी जिंदगी को बेहतर बनाएंगे, खुद को फिर से एक नया रूप देंगे।
कोई सर्जरी नहीं, सिर्फ अनुशासित जीवनशैली
अदनान सामी ने इस इंटरव्यू में साफ़ कहा कि उनके इस परिवर्तन में किसी भी प्रकार की सर्जरी का कोई योगदान नहीं था। उन्होंने बताया कि उन्होंने ह्यूस्टन के एक अनुभवी न्यूट्रिशनिस्ट की मदद ली, जिन्होंने उनके लिए एक खास हाई-प्रोटीन डाइट प्लान तैयार किया। उन्होंने अपने खानपान, दिनचर्या और सोच में अनुशासन लाया और लगातार मेहनत की।
यह बात बहुत कम लोगों को पता है कि अदनान सामी ने 2016 में केवल छह महीनों में लगभग 120 किलो वजन कम किया था। उनका वजन पहले करीब 230 किलो था, जो उन्होंने पूरी तरह समर्पण और अनुशासन से घटाकर सामान्य स्तर तक ला दिया।
सच्चा बदलाव भीतर से आता है
अदनान सामी की कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपने शरीर और स्वास्थ्य को लेकर जूझ रहे हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर इरादा पक्का हो, तो बिना किसी सर्जरी या शॉर्टकट के भी बदलाव संभव है। उनके शब्दों में, “जब आपका दिल और दिमाग एक साथ कहे कि अब बहुत हुआ, तो बदलाव खुद-ब-खुद शुरू हो जाता है।”
यह केवल वजन घटाने की कहानी नहीं है, बल्कि आत्म-प्रेरणा, पारिवारिक प्रेम और जीवन के प्रति जिम्मेदारी की एक मिसाल है।