सऊदी अरब के राजनयिक सूत्रों ने बताया कि इस वर्ष हज यात्रा के दौरान अत्यधिक गर्मी के कारण कम से कम 550 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। सोमवार को मक्का की ग्रैंड मस्जिद में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया था। मरने वालों में ज्यादातर मिस्र के तीर्थयात्री थे, साथ ही 60 जॉर्डन के और 5 ईरान के तीर्थयात्री भी शामिल थे।
राजनयिकों के अनुसार, मृतकों में से 323 मिस्र के नागरिक थे। उनका कहना था कि ये सभी गर्मी से संबंधित बीमारियों के कारण मरे। जॉर्डन के तीर्थयात्रियों में मृतकों की संख्या बढ़कर 60 हो गई है, जबकि पहले यह संख्या 41 थी। विभिन्न देशों के मरने वालों की कुल संख्या 577 मानी जा रही है।
सऊदी अरब का बयान
सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात से इनकार किया है कि इस साल हज यात्रा के दौरान गर्मी से संबंधित कोई महत्वपूर्ण मौतें हुई हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी जमील अबुएलैन ने बताया कि तीर्थयात्रियों की मौतें विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों और पहले से मौजूद बीमारियों के कारण हुई हैं।
उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों की जनसंख्या, उनकी बीमारियाँ और जोखिमपूर्ण जनसंख्या जैसे बुजुर्गों और बीमार लोगों पर नजर डालनी चाहिए। उनके अनुसार, इन सभी कारकों के कारण मौतें हुई हैं।
तापमान में वृद्धि
सऊदी अरब में हज अनुष्ठान क्षेत्रों में तापमान में प्रति दशक 0.4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि देखी जा रही है। सोमवार को तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया। मिस्र के विदेश मंत्रालय ने सऊदी अधिकारियों के साथ मिलकर लापता मिस्रवासियों की तलाश शुरू कर दी है।
सऊदी अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने 2,000 से अधिक तीर्थयात्रियों का गर्मी से होने वाले तनाव के लिए इलाज किया है। पिछले वर्ष भी 240 तीर्थयात्रियों की मौत की सूचना दी गई थी।
तीर्थयात्रियों की सुरक्षा
तीर्थयात्री अपने ऊपर पानी छिड़क रहे थे और स्वयंसेवक ठंडे पेय पदार्थ और आइसक्रीम बाँट रहे थे। सऊदी अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों को छाते का उपयोग करने, पानी पीते रहने और अधिक धूप में न जाने की सलाह दी है।
अपंजीकृत तीर्थयात्रियों के जोखिम
अपंजीकृत तीर्थयात्रियों को वातानुकूलित सुविधाओं तक पहुँच की कमी के कारण अधिक जोखिम का सामना करना पड़ता है। मिस्र के एक राजनयिक ने बताया कि इन तीर्थयात्रियों ने शिविरों में सेवा व्यवधानों का सामना किया, जिससे मिस्र में मौतों में योगदान हुआ।
इस साल हज में करीब 1.8 मिलियन तीर्थयात्री शामिल हुए, जिनमें 1.6 मिलियन विदेशी थे। हज के दौरान तापमान की वृद्धि और जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाले वर्षों में तीर्थयात्रियों को और अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
सऊदी स्वास्थ्य मंत्री फहद बिन अब्दुल रहमान अल-जलाजेल ने बताया कि हज के दौरान 5,800 से अधिक आभासी परामर्श किए गए। तीर्थयात्रियों को छाते का उपयोग करने, पानी पीते रहने और व्यस्त समय में धूप से बचने की सलाह दी गई है, लेकिन अत्यधिक गर्मी ने बड़ी चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं।