अडानी विल्मर के शेयरों में 9% की गिरावट दर्ज की गई है, क्योंकि अडानी समूह ने ओपन ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए कंपनी में अपनी 20% हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई है। इस कदम के तहत, अडानी कमोडिटीज़ ने 17 करोड़ शेयर बेचने का प्रस्ताव रखा है, जो अडानी विल्मर की कुल जारी इक्विटी का 13.5% है। साथ ही, इस OFS में ओवरसब्सक्रिप्शन का विकल्प भी शामिल है, जिससे अतिरिक्त 8.4 करोड़ शेयर यानी कंपनी के 6.5% हिस्सेदारी की बिक्री संभव हो सकेगी।
इस बिक्री के लिए मूल्य 275 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है, जो मौजूदा बाजार मूल्य पर लगभग 6% की छूट प्रदान करता है।
अदानी एंटरप्राइजेज का हिस्सेदारी बिक्री का निर्णय
दिसंबर 2024 में, अदानी समूह की प्रमुख कंपनी अदानी एंटरप्राइजेज ने अडानी विल्मर में अपनी हिस्सेदारी से बाहर निकलने का निर्णय लिया। इस योजना के तहत, अदानी एंटरप्राइजेज न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता मानकों को पूरा करने के लिए 13% हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहा है। वहीं, इसका संयुक्त उद्यम भागीदार, विल्मर इंटरनेशनल, शेष 31% हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा।
तरलता और पूंजी प्रबंधन में सुधार
वेंचुरा सिक्योरिटीज ने हाल ही में बताया कि इस रणनीतिक बिक्री से अदानी एंटरप्राइजेज की तरलता में सुधार होगा। बिक्री से प्राप्त राशि से कंपनी को 35,000 से 36,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त ऋण को समर्थन देने में मदद मिल सकती है। यह कुल 50,000 से 52,000 करोड़ रुपये के फंड में योगदान करेगा।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अडानी समूह की इक्विटी, कुल परिसंपत्तियों के प्रतिशत के रूप में, वर्तमान में 63% है। इस लेनदेन के बाद, यह आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद है, जो समूह की मजबूत पूंजी संरचना और प्रभावी पूंजी प्रबंधन पर निरंतर फोकस को दर्शाता है।
शेयरों में गिरावट
पिछले तीन दिनों में अडानी विल्मर के शेयरों में 11% से अधिक की गिरावट देखी गई है, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स में केवल 1% की गिरावट आई है। 22 नवंबर, 2024 को अडानी विल्मर के शेयर 279 रुपये प्रति शेयर के अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर तक पहुंच गए थे।
अडानी समूह की इस हिस्सेदारी बिक्री योजना और शेयरों में गिरावट ने निवेशकों के बीच हलचल मचा दी है। हालांकि, समूह इस लेनदेन से अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों को पूरा करने की कोशिश कर रहा है।