Tuesday, October 21, 2025

अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीनों आरोपी दोषी करार

उत्तराखंड की एक अदालत ने बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीनों आरोपियों को दोषी करार दे दिया है। यह मामला 2022 में सामने आया था और अब लगभग दो साल बाद न्यायालय ने इस पर फैसला सुनाया है। दोषियों में पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता शामिल हैं। पुलकित आर्य पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्य का बेटा है।

क्या हुआ था अंकिता के साथ?

अंकिता भंडारी उत्तराखंड के पौड़ी जिले की रहने वाली थी और एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती थी। उसके पिता एक प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम करते हैं। कोरोना महामारी के दौरान आर्थिक तंगी के चलते अंकिता को होटल मैनेजमेंट का कोर्स बीच में ही छोड़ना पड़ा। इसके बाद उसने एक दोस्त पुष्प राज के जरिए ऋषिकेश के पास स्थित वनतंत्रा रिज़ॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी हासिल की।

नौकरी शुरू करने के लगभग एक महीने बाद अंकिता ने पुष्प को बताया कि रिसॉर्ट के मालिक उसे 10,000 रुपये में एक वीआईपी गेस्ट को “विशेष सेवाएं” देने के लिए मजबूर कर रहे हैं। यह सुनकर पुष्प ने उसे सतर्क रहने को कहा। अपनी मौत की रात, 18 सितंबर 2022 को, अंकिता ने रात 8:32 बजे पुष्प से बात की और कहा कि वह डरी हुई है। अगली सुबह वह लापता थी।

हत्या और साजिश

एफआईआर के अनुसार, आरोपियों को डर था कि अंकिता उनके गलत कामों का पर्दाफाश कर सकती है। इसी डर से उन्होंने उसे 18 सितंबर की रात को रिज़ॉर्ट से बाहर बुलाया, फिर उसकी हत्या कर दी और उसका शव हरिद्वार के चिल्ला नहर में फेंक दिया। कुछ दिन बाद पुलकित आर्य के कबूलनामे के आधार पर पुलिस को अंकिता का शव नहर से मिला।

आरोप और सजा

पुलिस जांच के अनुसार, पुलकित आर्य को हत्या, छेड़छाड़, सबूत मिटाने और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाया गया। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उनके खिलाफ सख्त धाराओं में कार्यवाही की है।

जांच में लापरवाही और जनाक्रोश

शुरुआत में यह मामला स्थानीय राजस्व पुलिस को सौंपा गया था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। जिस पटवारी वैभव प्रताप को अंकिता की गुमशुदगी की सूचना दी गई थी, वह बिना रिपोर्ट किए छुट्टी पर चला गया। बाद में उसे लापरवाही के आरोप में निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया गया।

यह मामला जब राष्ट्रीय मीडिया में आया, तो पूरे देश में आक्रोश फैल गया। भारी जनदबाव के चलते तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। स्थानीय प्रशासन ने वनतंत्रा रिसॉर्ट को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया, जिससे यह चिंता उठी कि इससे महत्वपूर्ण सबूत नष्ट हो सकते हैं। इसके साथ ही भाजपा ने भी आरोपी पुलकित के पिता विनोद आर्य और भाई को पार्टी से निष्कासित कर दिया।

अंकिता भंडारी की निर्मम हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। अब अदालत द्वारा तीनों आरोपियों को दोषी ठहराए जाने के बाद पीड़ित परिवार और समाज को कुछ हद तक न्याय मिला है। यह मामला एक बार फिर यह याद दिलाता है कि महिलाओं की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था में पारदर्शिता कितनी ज़रूरी है।

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