हमास ने सोमवार को ऐलान किया कि अगर इज़रायल गाजा पट्टी में युद्ध समाप्त करने, अपनी सेना वापस बुलाने और मानवीय सहायता के निर्बाध प्रवेश की गारंटी देता है, तो वह “गंभीर कैदी अदला-बदली” के तहत सभी इज़रायली बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार है।
हमास के वरिष्ठ अधिकारी ताहिर अल-नुनू ने समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में कहा, “हम गंभीर कैदी अदला-बदली समझौते, युद्ध की समाप्ति, गाजा से इज़रायली सेना की वापसी और मानवीय सहायता की आपूर्ति के बदले में सभी इज़रायली बंदियों को रिहा करने के लिए तैयार हैं।”
नुनू ने इज़रायल पर युद्धविराम की दिशा में प्रगति में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए कहा, “मुद्दा केवल बंधकों की संख्या का नहीं है, बल्कि यह है कि कब्जाधारी (इज़रायल) अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे हट रहा है, युद्धविराम समझौते को लागू करने से इनकार कर रहा है और युद्ध को जारी रखे हुए है।” उन्होंने यह भी कहा कि हमास यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस गारंटी चाहता है कि इज़रायल भविष्य में किसी भी समझौते का पालन करेगा।
इज़रायली समाचार आउटलेट Ynet के अनुसार, एक नए प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है, जिसमें हमास 10 जीवित इज़रायली बंधकों को रिहा करेगा, बशर्ते कि अमेरिका इस बात की गारंटी दे कि इज़रायल युद्धविराम के दूसरे चरण के लिए वार्ता में भाग लेगा।
गौरतलब है कि युद्धविराम का पहला चरण 19 जनवरी को शुरू हुआ था, जिसमें बंधकों और कैदियों के कई दौरों में अदला-बदली हुई, लेकिन दो महीने बाद यह प्रक्रिया ठप हो गई।
18 मार्च को इज़रायल ने गाजा पर फिर से हवाई हमले शुरू कर दिए, जिससे युद्धविराम प्रभावी रूप से समाप्त हो गया। इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की कि युद्ध फिर से “पूरी ताकत” से शुरू कर दिया गया है और हवाई हमले केवल “शुरुआत” हैं।
इस समय युद्धविराम को बहाल करने की बातचीत भी रुकी हुई है। इसका कारण हमास द्वारा रिहा किए जाने वाले बंधकों की संख्या को लेकर दोनों पक्षों में मतभेद बताया जा रहा है।
वहीं, इज़रायल की प्रमुख शर्त — हमास का निरस्त्रीकरण — को लेकर भी गतिरोध बना हुआ है। नुनू ने स्पष्ट किया कि “प्रतिरोध के हथियारों पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।”
यह संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को तब शुरू हुआ, जब हमास ने इज़रायल पर हमला किया। इज़रायल सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इस हमले में 1,218 लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश नागरिक थे। हमास के उग्रवादियों ने 251 लोगों को बंधक बना लिया था, जिनमें से अब भी 58 गाजा में बंदी हैं। इज़रायली सेना के अनुसार इनमें से 34 की मौत हो चुकी है।
गाजा में हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 18 मार्च से अब तक हुए इज़रायली हमलों में कम से कम 1,574 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। इसके साथ ही युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक गाजा में मरने वालों की कुल संख्या 50,944 हो चुकी है।
इस संकट के समाधान की उम्मीदें अब भी गारंटी, भरोसे और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता पर टिकी हुई हैं।