घरेलू इक्विटी बाजार में एक बार फिर गिरावट देखी जा रही है। बीएसई स्मॉल-कैप और मिड-कैप सूचकांक में क्रमशः 4% और 3% से अधिक की गिरावट आई है। बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स साल-दर-साल (YTD) 12% से अधिक नीचे है, जबकि बीएसई मिडकैप इंडेक्स 10% से अधिक YTD गिर चुका है। निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक भी 2.9% गिरकर 51,709.15 के इंट्रा-डे लो पर आ गया है। इसके साथ ही, निफ्टी 50 और सेंसेक्स दोनों में 1% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है।
मिड और स्मॉल-कैप स्पेस में गिरावट के मुख्य कारण:
1. तीसरी तिमाही की निराशाजनक आय
हाल ही में आई तीसरी तिमाही की आय रिपोर्ट बाजार की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई है। कई कंपनियों के प्रदर्शन में मौन प्रतिक्रिया देखने को मिली है, जिससे निवेशकों की धारणा कमजोर हुई है। विशेष रूप से वित्तीय क्षेत्र में परिसंपत्ति गुणवत्ता से जुड़ी चिंताएँ बाजार के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई हैं।
2. एफआईआई की बिकवाली जारी
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की भारी बिकवाली बाजार को लगातार प्रभावित कर रही है। जनवरी 2025 में एफआईआई की निकासी पिछले 11 वर्षों में सबसे अधिक रही है। इस महीने अब तक 70,000 करोड़ रुपये से अधिक की बिकवाली हो चुकी है।
3. बजट की उम्मीदें
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट की घोषणा में अब बहुत कम समय बचा है। निवेशकों की निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा घोषित किए जाने वाले नीतिगत कदमों पर टिकी हैं। ऐसी संभावना है कि पूंजीगत लाभ कर (Capital Gains Tax) को कम करने से जुड़ी कोई घोषणा की जा सकती है। लेकिन यदि सरकार बाजार की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती, तो गिरावट और गहरा सकती है।
4. टैरिफ युद्ध का प्रभाव
अंतरराष्ट्रीय टैरिफ युद्ध और उससे संबंधित नीतिगत अनिश्चितताओं ने निवेशकों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। इससे वैश्विक बाजारों के साथ-साथ भारत को भी नुकसान होने की आशंका है। निवेशक इन अनिश्चितताओं को देखते हुए स्मॉल-कैप और मिड-कैप शेयरों में निवेश करने से बच रहे हैं।
बाजार की मौजूदा स्थिति
बाजार में गिरावट के कारण निवेशकों की धारणा कमजोर हुई है। लगातार एफआईआई की बिकवाली (जनवरी में 69,000 करोड़ रुपये) बाजार पर भारी दबाव डाल रही है। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने जनवरी में 67,000 करोड़ रुपये की खरीदारी की है, लेकिन यह बाजार को संभालने के लिए पर्याप्त नहीं है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी. के. विजयकुमार ने कहा, “एक बड़ी चिंता यह है कि राष्ट्रपति ट्रंप की टैरिफ लगाने की नई धमकियाँ, जैसे कि कोलंबिया पर 25% टैरिफ लगाना, वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता को बढ़ा रही हैं।
मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में गिरावट मुख्यतः खराब आय, एफआईआई की भारी बिकवाली, बजट को लेकर अनिश्चितता और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों से प्रेरित है। निवेशक इस समय सतर्क बने हुए हैं और अपनी रणनीतियों को लेकर अधिक सावधानी बरत रहे हैं।