महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कथित रूप से विवादित टिप्पणी करने के मामले में स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ खार पुलिस स्टेशन में तीन अलग-अलग शिकायतें दर्ज की गई हैं। मुंबई पुलिस के अनुसार, इनमें से एक शिकायत जलगांव के मेयर ने दर्ज कराई है, जबकि अन्य दो शिकायतें एक होटल व्यवसायी और नासिक के एक कारोबारी ने की हैं।
खार पुलिस ने पूछताछ के लिए कामरा को दो बार बुलाया, लेकिन वह अब तक पेश नहीं हुए हैं। इससे पहले, मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कुणाल कामरा को उनके खिलाफ दर्ज कई एफआईआर मामलों में अंतरिम अग्रिम जमानत दी थी। न्यायमूर्ति सुंदर मोहन ने कुछ शर्तों के साथ 7 अप्रैल तक के लिए यह जमानत मंजूर की।
मुंबई पुलिस का समन, पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए
27 मार्च को मुंबई पुलिस ने कामरा को समन जारी करते हुए 31 मार्च को खार पुलिस स्टेशन में पेश होने को कहा था। शिवसेना विधायक मुरजी पटेल द्वारा दर्ज कराए गए मामले के तहत यह तीसरा समन था। इससे पहले दो बार भी उन्हें बुलाया गया था, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए।
मुख्यधारा मीडिया पर हमला, “गिद्ध” करार दिया
गुरुवार को कुणाल कामरा ने मुख्यधारा के मीडिया की कड़ी आलोचना की और उसे सत्ताधारी पार्टी का मुखपत्र बताया। उन्होंने मीडिया को “गिद्ध” बताते हुए आरोप लगाया कि वह गलत सूचना फैलाने और जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने का काम कर रहा है।
कामरा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“मुख्यधारा का मीडिया सत्ताधारी पार्टी की गलत संचार शाखा के अलावा कुछ नहीं है। वे गिद्ध हैं जो ऐसे मुद्दों को रिपोर्ट करते हैं जो आम जनता के लिए मायने नहीं रखते। अगर वे कल से लेकर अनंत काल तक अपनी दुकानें बंद कर दें, तो वे देश, उसके लोगों और अपने बच्चों पर एहसान करेंगे।”
“गद्दार” मजाक पर बवाल, शिवसेना युवा सेना ने की तोड़फोड़
कामरा के एकनाथ शिंदे पर किए गए “गद्दार” मजाक के बाद विवाद और बढ़ गया। कई राजनीतिक नेताओं ने उनकी टिप्पणियों की निंदा की और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
विवाद के बाद, एकनाथ शिंदे की शिवसेना के युवा संगठन “युवा सेना” ने हैबिटेट कॉमेडी क्लब पर तोड़फोड़ कर दी, जहां यह स्टैंड-अप शो आयोजित किया गया था।
माफी से इनकार, पुलिस के साथ सहयोग को तैयार
भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के साथ पहले भी टकराव झेल चुके कुणाल कामरा ने शिंदे पर की गई टिप्पणी के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह पुलिस जांच में पूरा सहयोग करेंगे।
कामरा ने कहा,
“एक मनोरंजन स्थल केवल एक मंच है, जहां विभिन्न प्रकार के शो होते हैं। हैबिटेट (या कोई अन्य स्थल) मेरी कॉमेडी के लिए जिम्मेदार नहीं है, न ही उसे इस पर कोई शक्ति या नियंत्रण है कि मैं क्या कहता हूं या करता हूं। न ही किसी राजनीतिक दल के पास।”
उन्होंने आगे कहा,
“एक कॉमेडियन के शब्दों के लिए किसी जगह पर हमला करना उतना ही मूर्खतापूर्ण है जितना कि टमाटर ले जा रहे ट्रक को पलट देना, क्योंकि आपको बटर चिकन पसंद नहीं आया।”
‘शक्तिशाली लोगों का मजाक उड़ाना अपराध नहीं’
राजनीतिक नेताओं द्वारा दी जा रही धमकियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कुणाल कामरा ने कहा कि एक मजाक से किसी के अधिकार को चुनौती नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि एक सार्वजनिक व्यक्ति की आलोचना करना या उसका मजाक उड़ाना गैरकानूनी नहीं है।
“हमारे संविधान में भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार सिर्फ शक्तिशाली और अमीर लोगों की चापलूसी करने के लिए नहीं दिया गया है, भले ही आज का मीडिया हमें इसके विपरीत समझाने की कोशिश कर रहा हो। एक शक्तिशाली सार्वजनिक व्यक्ति की कीमत पर मजाक उड़ाने से मेरे अधिकार का स्वरूप नहीं बदलता। जहां तक मुझे जानकारी है, हमारे नेताओं और हमारी राजनीतिक व्यवस्था का मजाक बनाना कानून के खिलाफ नहीं है।”
निष्कर्ष
कुणाल कामरा के एकनाथ शिंदे पर किए गए व्यंग्य के कारण विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां एक तरफ पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है, वहीं दूसरी तरफ कॉमेडियन ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अपने स्टैंड पर कायम रहेंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पूरे विवाद का आगे क्या असर पड़ता है।