Friday, June 6, 2025

सीमा पार आतंकवाद के बीच गांधी के सिद्धांत आज और अधिक प्रासंगिक: रविशंकर प्रसाद ने U.K.

भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने रविवार, 1 जून 2025 को लंदन में कहा कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद की पृष्ठभूमि में महात्मा गांधी का अहिंसा का सिद्धांत आज के समय में और भी अधिक प्रासंगिक हो गया है।

पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले के बाद भारत द्वारा चलाए जा रहे वैश्विक कूटनीतिक अभियान के तहत रविशंकर प्रसाद यूरोप में एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। अपनी यात्रा की शुरुआत उन्होंने लंदन में बी.आर. अंबेडकर और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करके की और फिर भारतीय उच्चायोग में आयोजित एक भव्य सामुदायिक सभा को संबोधित किया।

टैविस्टॉक स्क्वायर स्थित गांधी स्मारक पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए श्री प्रसाद ने कहा, “यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम लंदन के हृदय स्थल में स्थित महात्मा गांधी की महान प्रतिमा के समक्ष उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “आज के समय में गांधी जी का संदेश—अहिंसा, सत्य, सौहार्द और सद्भाव—अत्यंत प्रासंगिक हो गया है। जब पाकिस्तान जैसे देश सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित करते हैं, तब गांधी जी के सिद्धांतों की प्रासंगिकता और भी गहरी हो जाती है।”

पूर्व मंत्री और लेखक एम.जे. अकबर ने 1947 में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में भेजे गए 5,000 आतंकवादियों की घटना को “राज्य नीति के रूप में आतंकवाद का पहला दस्तावेज़ित उदाहरण” बताया। उन्होंने कहा, “गांधीजी अहिंसा के पुजारी थे, लेकिन जब भारत पर आतंकवादी हमले हुए, तो उन्होंने अपने वक्तव्यों में चर्चिल जैसी कड़ी भाषा का उपयोग किया। उन्होंने यहां तक कहा कि भारतीय सैनिकों को आतंकियों का डटकर मुकाबला करना चाहिए और कभी पीछे नहीं हटना चाहिए।”

प्रतिनिधिमंडल ने उत्तरी लंदन में अंबेडकर संग्रहालय का भी दौरा किया। वहां राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “बाबासाहेब अंबेडकर ने हमें संविधान जैसा महत्वपूर्ण दस्तावेज़ दिया, जो हमारे अधिकारों, न्याय, समानता और समावेशिता का मूल आधार है।”

उन्होंने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा, “भारत और पाकिस्तान दोनों का विभाजन एक ही समय पर हुआ, लेकिन भारत ने 1950 में एक गणराज्य का स्वरूप प्राप्त किया, जबकि पाकिस्तान आज भी एक निर्वाचित सरकार की स्थिरता के लिए संघर्ष कर रहा है और सेना का प्रभुत्व बना हुआ है।”

प्रतिनिधिमंडल का स्वागत लंदन स्थित इंडिया हाउस में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी ने किया। यहां सैकड़ों भारतीय प्रवासी और समुदाय के नेता ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए और तिरंगा लहराते हुए उपस्थित रहे।

सभा को संबोधित करते हुए श्री प्रसाद ने कहा, “भारत एक शक्तिशाली और पुनरुत्थानशील राष्ट्र है। पाकिस्तान और आतंकवाद से हम सख्ती से निपटेंगे। आप सभी इस संदेश को पूरे विश्व में फैलाएं कि आतंकवादियों को उनके कर्मों की सज़ा जरूर मिलेगी।”

कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई और बीच-बीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में नारों और तालियों की गूंज सुनाई दी।

भाजपा सांसद दग्गुबाती पुरंदेश्वरी ने कहा, “यह प्रतिनिधिमंडल विभिन्न विचारधाराओं से संबंधित दलों का है, लेकिन जब देश के हित की बात आती है, तो हम सभी भारतीय बनकर एकजुट हो जाते हैं।”

पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पंकज सरन ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजनीतिक निर्देश था और यह पूरी तरह सफल रहा।”

भारतीय उच्चायुक्त दोराईस्वामी ने कहा कि आतंकवाद केवल भारत की समस्या नहीं है, बल्कि एक वैश्विक चुनौती है। “यह मान लेना कि यह केवल भारत तक सीमित है या अस्थायी है, बहुत बड़ी भूल होगी। अब समय आ गया है कि दुनिया इसे गंभीरता से ले।”

प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के अंतर्गत यू.के. की छाया विदेश सचिव प्रीति पटेल और विपक्षी कंज़र्वेटिव पार्टी की टीम के साथ एक निजी रात्रिभोज का आयोजन भी किया गया।

लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, “प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ भारत की एकजुटता और अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया।”

बयान में यह भी कहा गया, “भारत आतंकवाद के हर कृत्य का निर्णायक और सख्त जवाब देगा। यह हमारी जीरो टॉलरेंस नीति का स्पष्ट संकेत है।”

श्री प्रसाद के नेतृत्व वाले इस नौ सदस्यीय बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, प्रियंका चतुर्वेदी, गुलाम अली खटाना, अमर सिंह, समिक भट्टाचार्य, एम. थंबीदुरई, एम.जे. अकबर और पंकज सरन शामिल हैं।

तीन दिवसीय यह यू.के. यात्रा मंगलवार, 3 जून 2025 को समाप्त होगी। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल यूरोपीय संघ और जर्मनी की यात्रा करेगा, जहां वह सांसदों, राजनीतिक नेताओं और प्रवासी समुदाय के विभिन्न समूहों से संवाद करेगा।

यह प्रतिनिधिमंडल उन सात बहुपक्षीय टीमों में से एक है जिन्हें भारत सरकार ने विश्व की 33 प्रमुख राजधानियों में भेजा है ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने के विषय को प्रमुखता से उठाया जा सके।

गौरतलब है कि 7 मई की सुबह भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए थे। इसके जवाब में पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारत ने कड़ा जवाब दिया।

10 मई को दोनों देशों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद यह तय हुआ कि जमीनी सैन्य कार्रवाइयों को रोका जाएगा और तनाव को नियंत्रित किया जाएगा।

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