एफएमसीजी प्रमुख हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) के शेयरों में गुरुवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट देखने को मिली। इसका कारण कंपनी के तीसरी तिमाही के नतीजों पर निवेशकों की प्रतिक्रिया है।
इंट्राडे कारोबार के दौरान एचयूएल के शेयरों में 3% से अधिक की गिरावट आई और सुबह करीब 10:09 बजे यह 1.40% गिरकर 2,310.10 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
तीसरी तिमाही के नतीजे
बुधवार को कंपनी ने अपने तीसरी तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी किए। रिपोर्ट के अनुसार, एचयूएल का समेकित शुद्ध लाभ 19% बढ़कर 2,989 करोड़ रुपये हो गया, जिसमें कंपनी के प्यूरिट कारोबार की बिक्री ने योगदान दिया। पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी ने 2,508 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। हालांकि, कंपनी की समेकित आय 15,559 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 15,259 करोड़ रुपये से थोड़ा कम है।
विश्लेषकों की राय
तीसरी तिमाही के नतीजों पर विश्लेषकों और ब्रोकरेज फर्मों ने अलग-अलग राय व्यक्त की है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज
ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एचयूएल के शेयर पर लक्ष्य मूल्य को 2,950 रुपये से घटाकर 2,500 रुपये कर दिया है। हालांकि, फर्म ने ‘एड’ रेटिंग को बनाए रखा है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने अपने वित्त वर्ष 2025 और 2026 के आय अनुमानों को क्रमशः 6% और 8% तक घटा दिया।
उन्होंने कहा, “एचयूएल रणनीतिक कदम उठा रहा है, जैसे सौंदर्य खंड में प्रीमियम उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करना और 3,000 करोड़ रुपये के प्री-मनी एंटरप्राइज मूल्य पर मिनिमलिस्ट ब्रांड का अधिग्रहण। लेकिन, व्यापक आर्थिक चुनौतियों को देखते हुए यह बदलाव कंपनी के प्रदर्शन के लिए कठिन हो सकता है।”
जेएम फाइनेंशियल
जेएम फाइनेंशियल के मेहुल देसाई ने कहा कि कंपनी की आय हमारी उम्मीदों से कम रही। देसाई के अनुसार, “कमजोर यूवीजी (वॉल्यूम ग्रोथ) और कमजोर उत्पाद मिश्रण ने परिणामों को प्रभावित किया। शहरी बाजारों में मंदी और होम केयर व्यवसाय में कम लाभांश इसके मुख्य कारण रहे।”
उन्होंने आगे कहा, “निकट-अवधि परिदृश्य चुनौतीपूर्ण है। शहरी मंदी और कमजोर उत्पाद मिश्रण का प्रभाव जारी रह सकता है। हालांकि, प्रबंधन को उम्मीद है कि वर्तमान स्तरों से स्थिति खराब नहीं होगी और सुधार की गति व्यापक आर्थिक कारकों पर निर्भर करेगी।”
स्टॉक्सबॉक्स की आकृति मेहरोत्रा
आकृति मेहरोत्रा ने कहा कि एचयूएल की तीसरी तिमाही का प्रदर्शन सुस्त रहा। इसका मुख्य कारण एफएमसीजी क्षेत्र में मांग में कमी और शहरी खपत में गिरावट है।
उन्होंने कहा, “ग्रामीण बाजारों में सुधार हो रहा है, लेकिन विभिन्न खंडों में बिक्री वृद्धि धीमी या नकारात्मक है। यह स्थिति मुद्रास्फीति और प्रतिस्पर्धा के कारण उत्पन्न हुई है। हालांकि, कंपनी रणनीतिक रूप से विकास क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिससे आने वाले समय में स्थिति सुधरने की संभावना है।”
उन्होंने यह भी कहा कि एचयूएल का वर्तमान मूल्यांकन इसके ऐतिहासिक औसत की तुलना में आकर्षक है, जो मध्यम और दीर्घावधि में सकारात्मक संकेत देता है।
अन्य ब्रोकरेज की राय
गोल्डमैन सैक्स और सीएलएसए जैसी ब्रोकरेज कंपनियों ने अपने शोध नोट्स में बताया कि कमजोर मांग के कारण कंपनी को मार्जिन दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
समग्र परिदृश्य
एचयूएल के तीसरी तिमाही के नतीजे केवल कंपनी ही नहीं, बल्कि पूरे एफएमसीजी सेक्टर के लिए चिंताजनक स्थिति को दर्शाते हैं। मंदी, कमजोर उत्पाद मिश्रण और ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में गिरावट ने एचयूएल के प्रदर्शन को प्रभावित किया है। हालांकि, विशेषज्ञों को उम्मीद है कि मध्यम और दीर्घावधि में स्थिति में सुधार हो सकता है।