भारतीय रुपया गुरुवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 4 पैसे की गिरावट के साथ 85.8675 पर खुला। हालांकि यह मामूली अंतर है, फिर भी स्थानीय मुद्रा में लगभग 0.03 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
पिछले कारोबारी सत्र में रुपया डॉलर के मुकाबले 85.9063 पर बंद हुआ था। मुद्रा विशेषज्ञों ने रुपये की इस कमजोरी के लिए डॉलर इंडेक्स में आई हल्की तेजी को जिम्मेदार ठहराया। डॉलर इंडेक्स जहां पिछले दिन 98.787 पर बंद हुआ था, वह शुरुआती कारोबार में बढ़कर 98.817 पर पहुंच गया।
4 जून को तेल कंपनियों, विदेशी निवेशकों (FII) और आयातकों की ओर से डॉलर की मजबूत मांग देखी गई, जिससे रुपये पर दबाव बना रहा।
वित्तीय प्रवाह के आंकड़ों पर नजर डालें तो 4 जून को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 2,854 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 5,908 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। प्रावधान डेटा के अनुसार, डीआईआई ने कुल 15,704 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 9,796 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। दूसरी ओर, FII ने कुल 17,063 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 19,917 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए।
इस साल अब तक एफआईआई ने भारतीय बाजारों से 1.27 लाख करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की है, जबकि डीआईआई ने 2.86 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं।
4 जून को रुपये में लगभग 0.5 प्रतिशत की तेज गिरावट आई, जिससे बाजारों में अस्थिरता देखी गई। मुद्रा विशेषज्ञों का कहना है कि इस गिरावट के चलते भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को बाजार में हस्तक्षेप करना पड़ा ताकि रुपये की अधिक कमजोरी को रोका जा सके।