रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में भारत की धरती पर होने वाला कोई भी आतंकी हमला पाकिस्तान के लिए विनाशकारी परिणाम लेकर आएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “ऑपरेशन सिंदूर” अभी समाप्त नहीं हुआ है और भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी आवश्यक कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार है।
राजनाथ सिंह ने यह बयान जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उत्तरी कमान के जवानों को संबोधित करते हुए दिया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर यह स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।
उन्होंने कहा,
“ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है… इस ऑपरेशन के जरिए हमने पाकिस्तान को यह बता दिया है कि भारत के खिलाफ जारी आतंकवाद को सहन नहीं किया जाएगा, और इसका जवाब बद से बदतर होगा।”
राजनाथ सिंह ने 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की एयर स्ट्राइक का हवाला देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर इन सभी कार्रवाइयों की एक स्वाभाविक कड़ी है। उन्होंने कहा,
“हमने पाकिस्तान को बता दिया है कि भारत के खिलाफ ‘हज़ार घाव’ देने की उसकी नीति अब काम नहीं करेगी… भारत की धरती पर कोई भी आतंकी हमला पाकिस्तान के लिए विनाशकारी साबित होगा।”
इस दौरान सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी उनके साथ मौजूद थे।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
ऑपरेशन सिंदूर 6 और 7 मई की रात को अंजाम दिया गया था। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में चलाया गया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने सीमा पार पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ढांचों को सटीकता से निशाना बनाया।
एससीओ सम्मेलन और चीन यात्रा की संभावना
इसी बीच खबर है कि राजनाथ सिंह अगले सप्ताह चीन की यात्रा कर सकते हैं ताकि वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा ले सकें। यह सम्मेलन 25 से 27 जून के बीच चीन के क़िंगदाओ शहर में आयोजित किया जाएगा। अगर यह यात्रा होती है, तो यह मई 2020 में लद्दाख में हुए सीमा विवाद के बाद किसी वरिष्ठ भारतीय मंत्री की पहली चीन यात्रा होगी।
पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली और बीजिंग फिलहाल सिंह की यात्रा योजना को अंतिम रूप देने में लगे हैं। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के चलते SCO के सदस्य देशों के बीच मतभेद उभरकर सामने आए हैं।
SCO दस्तावेज़ों में मतभेद
ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख SCO के आधिकारिक दस्तावेज़ों में शामिल करने की मांग की है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी अपनी ओर से जाफ़र एक्सप्रेस अपहरण और बलूच विद्रोहियों द्वारा बस पर हमले का ज़िक्र उसी दस्तावेज़ में करने की मांग की है।
ईरान-इज़रायल संघर्ष पर भारत की दूरी
इसके अतिरिक्त, भारत ने पिछले शनिवार को ईरान और इज़रायल के बीच संघर्ष पर SCO द्वारा जारी किए गए संयुक्त बयान से खुद को अलग कर लिया। भारत सरकार ने स्पष्ट किया कि उसने इस मुद्दे पर पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है और वह SCO के सामूहिक रुख का समर्थन नहीं करती।
राजनाथ सिंह का यह सख्त रुख और ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी यह दर्शाती है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ अधिक आक्रामक और निर्णायक नीति अपना रहा है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत अपनी सुरक्षा चिंताओं को खुलकर उठा रहा है, चाहे वह SCO हो या चीन जैसे पड़ोसी देशों के साथ कूटनीतिक वार्ताएं।