Sunday, April 27, 2025

मार्च में व्यापार युद्ध और आयात में गिरावट के बावजूद चीन का निर्यात 12% से अधिक बढ़ा

अमेरिका के साथ जारी व्यापार युद्ध और आयात में गिरावट के बावजूद, चीन ने मार्च महीने में अपने निर्यात में सालाना आधार पर 12.4 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। यह वृद्धि विश्लेषकों की उम्मीदों से कहीं अधिक रही। ब्लूमबर्ग द्वारा किए गए सर्वेक्षण में मात्र 4.6 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया था, लेकिन वास्तविक आंकड़ा इससे दोगुना से भी अधिक निकला।

हालांकि, इसी अवधि में चीन के आयात में 4.3 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, यह जानकारी चीन के सीमा शुल्क सामान्य प्रशासन द्वारा सोमवार को दी गई।

पिछले महीने चीन के शीर्ष नेताओं ने देश की वार्षिक आर्थिक वृद्धि दर के लिए लगभग 5 प्रतिशत का लक्ष्य निर्धारित किया था। इसके साथ ही उन्होंने घरेलू मांग को देश की आर्थिक प्रगति का मुख्य आधार बनाने का संकल्प भी लिया।

लेकिन अमेरिका के साथ जारी व्यापार तनावों ने इस रिकवरी प्रक्रिया को नई चुनौतियों में डाल दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा शुरू किए गए व्यापार युद्ध के तहत, इस महीने से अधिकतर चीनी उत्पादों पर भारी शुल्क लगाए गए हैं। इससे दोनों देशों के बीच संबंधों में और अधिक खिंचाव आ गया है।

ट्रम्प प्रशासन द्वारा शुरू किए गए वैश्विक टैरिफ हमले का मुख्य निशाना चीन रहा है, जिससे बीजिंग और वाशिंगटन के बीच एक तेज़ गति वाला और उच्च-दांव वाला व्यापार संघर्ष छिड़ गया है। वर्तमान में अमेरिका द्वारा चीनी वस्तुओं पर लगाए गए टैरिफ 145 प्रतिशत तक पहुंच गए हैं, जबकि चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी उत्पादों पर 125 प्रतिशत तक शुल्क लागू किए हैं।

हालांकि, बीते शुक्रवार को अमेरिका ने कुछ राहत के संकेत दिए। उसने स्मार्टफोन, लैपटॉप, सेमीकंडक्टर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के लिए टैरिफ छूट की सूची जारी की, जिनका प्रमुख स्रोत चीन है।

बीजिंग ने यह भी बताया कि जनवरी से मार्च के बीच, अमेरिका चीन से निर्यात किए गए सामानों के लिए सबसे बड़ा एकल विदेशी गंतव्य बना रहा। इस अवधि में अमेरिका को निर्यात का कुल मूल्य 115.6 बिलियन डॉलर रहा।

पिनपॉइंट एसेट मैनेजमेंट के अध्यक्ष और मुख्य अर्थशास्त्री झिवेई झांग ने एक विश्लेषण में कहा, “मजबूत निर्यात आंकड़े इस बात का संकेत हैं कि कंपनियों ने अमेरिकी टैरिफ लागू होने से पहले अपने व्यापार को तेजी से अंजाम दिया है।” उन्होंने आगे कहा कि आने वाले महीनों में, अमेरिकी टैरिफ के कारण चीन के निर्यात में गिरावट देखी जा सकती है।

उन्होंने यह भी जोड़ा, “व्यापार नीति से जुड़ी अनिश्चितता अभी भी बहुत अधिक बनी हुई है।”

इस बीच, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था—चीन—अभी भी घरेलू खपत में मंदी और संपत्ति क्षेत्र में लंबे समय से चले आ रहे ऋण संकट से जूझ रही है।

इस संकट से निपटने के लिए बीजिंग ने पिछले वर्ष कई आक्रामक कदमों की घोषणा की, जिनमें ब्याज दरों में कटौती, घर खरीदने पर लगे प्रतिबंधों को हटाना, स्थानीय सरकारों के लिए ऋण सीमा बढ़ाना और वित्तीय बाजारों को समर्थन देना शामिल था।

हालांकि, वर्ष 2024 में अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए बड़े पैमाने पर राहत पैकेज की उम्मीदों ने शेयर बाजार में उत्साह जरूर बढ़ाया था, लेकिन समय बीतने के साथ-साथ यह आशावाद भी कम होता गया क्योंकि सरकार ने न तो किसी विशेष राहत राशि की घोषणा की और न ही किसी ठोस योजना को सार्वजनिक किया।

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