Monday, December 9, 2024

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का आधा हिस्सा भाजपा के पास रहेगा, शिंदे सेना को मिल सकता है सांत्वना सौदा

सूत्रों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के साथ अन्य मंत्रालयों का बंटवारा लगभग तय कर लिया है। भाजपा मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा करेगी, जबकि एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना (शिंदे गुट) को तीन बड़े विभागों समेत 12 कैबिनेट पद मिल सकते हैं। महायुति गठबंधन में तीसरी पार्टी अजीत पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को नौ कैबिनेट सीटें मिलने की संभावना है।

महाराष्ट्र विधानसभा में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं, और भाजपा इनमें से आधे पद अपने पास रखने का इरादा रखती है। एकनाथ शिंदे, जिन्होंने भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री पद के फैसले को स्वीकार कर लिया है, को शहरी विकास, लोक निर्माण विभाग और जल संसाधन जैसे तीन प्रमुख मंत्रालय दिए जा सकते हैं।

दो डिप्टी सीएम हो सकते हैं
सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र में नया मुख्यमंत्री भाजपा से होगा और दो उपमुख्यमंत्री शिवसेना और एनसीपी से नियुक्त किए जाएंगे। अजीत पवार ने अपनी पार्टी के नेताओं को बताया है कि शपथ ग्रहण समारोह इस सप्ताहांत आयोजित हो सकता है।

शिंदे की सहमति और विपक्ष की प्रतिक्रिया
शिवसेना नेताओं द्वारा कई दिनों तक राजनीतिक बयानबाजी के बाद, एकनाथ शिंदे ने कल घोषणा की कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के फैसले का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि वे “बाधा” नहीं बनेंगे।

हालांकि, शिवसेना (यूबीटी) ने शिंदे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा स्वतंत्र रूप से निर्णय लेती है और शिंदे उस पर दबाव नहीं डाल सकते। शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे ने पीटीआई को बताया कि भाजपा ने मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा ठोंक दिया है, और शिंदे की भूमिका अब केवल औपचारिक रह गई है।

संजय राउत ने भी टिप्पणी की कि शिंदे ने महायुति में अपना उद्देश्य पूरा कर लिया है और भाजपा उन्हें मुख्यमंत्री पद नहीं देगी।

देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे
भाजपा ने अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस को सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है। नागपुर दक्षिण-पश्चिम के विधायक फडणवीस को महायुति की जीत का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता है।

जब 2022 में एकनाथ शिंदे के विद्रोह के कारण उद्धव ठाकरे सरकार गिरी थी, तो फडणवीस को अनिच्छा से उपमुख्यमंत्री बनने के लिए सहमत होना पड़ा था। इस बार, भाजपा कार्यकर्ता और नेता उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।

जातिगत समीकरणों पर भाजपा की नजर
भाजपा राज्य में जातिगत समीकरणों को भी संतुलित करने की कोशिश कर रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने वरिष्ठ भाजपा नेता विनोद तावड़े से मुलाकात की और इस पर चर्चा की कि शिंदे की जगह फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने से मराठा समुदाय नाराज तो नहीं होगा।

फडणवीस ब्राह्मण समुदाय से हैं, जबकि शिंदे मराठा हैं। मराठा समुदाय पहले ही आरक्षण के मुद्दे पर आंदोलन कर चुका है, और उनके कुछ नेताओं ने फडणवीस पर मराठा-विरोधी होने का आरोप लगाया है। ऐसे में भाजपा औपचारिक घोषणा से पहले सभी संभावित विवादों को सुलझाने का प्रयास कर रही है।

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