संघर्ष प्रभावित मणिपुर में पुलिस और सुरक्षा बलों के समक्ष विभिन्न प्रकार के 109 हथियार, गोला-बारूद और अन्य वस्तुएं लोगों द्वारा जमा की गई हैं। पुलिस ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी। ये हथियार राज्य के चार जिलों में अलग-अलग स्थानों पर जमा कराए गए हैं।
हथियारों की बरामदगी
कांगपोकपी जिले के सैकुल पुलिस स्टेशन में गुरुवार को एक 9 एमएम सीबी1ए1 पिस्तौल, एक 9 एमएम मैगजीन, एक ग्रेनेड, कारतूस और दो वायरलेस सेट समेत अन्य सामान जमा किए गए।
बिष्णुपुर जिले के फोगाकचाओ इखाई पुलिस स्टेशन में भी एक एसबीबीएल बंदूक समेत कई हथियार जमा किए गए।
इसके अतिरिक्त, इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व जिलों के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में भी हथियार और गोला-बारूद जमा कराए गए हैं।
राज्यपाल की अपील
फरवरी में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने मणिपुर के नागरिकों से सात दिनों के भीतर लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को स्वेच्छा से पुलिस को सौंपने का आग्रह किया था। उन्होंने यह आश्वासन भी दिया था कि इस अवधि के दौरान हथियार जमा करने वालों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
जातीय हिंसा और राष्ट्रपति शासन
मई 2023 से मणिपुर में जातीय हिंसा जारी है, जिसमें इंफाल घाटी में रहने वाले मैतेई समुदाय और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी-जो समूहों के बीच संघर्ष हुआ। इस हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
हाल ही में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के कुछ दिनों बाद, 13 फरवरी को केंद्र सरकार ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, मणिपुर विधानसभा, जिसका कार्यकाल 2027 तक था, को निलंबित कर दिया गया है।