Sunday, April 27, 2025

भारत ने 26 राफेल मरीन फाइटर जेट के लिए 63,000 करोड़ रुपये के सौदे को दी मंजूरी

भारत सरकार ने मंगलवार, 8 अप्रैल को एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए रक्षा क्षेत्र में अब तक के सबसे बड़े फाइटर जेट अधिग्रहण को मंजूरी दे दी। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने भारतीय नौसेना के लिए फ्रांस से 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की खरीद को हरी झंडी दे दी है। यह सौदा 63,000 करोड़ रुपये से अधिक का है और इसे सरकार-से-सरकार (G2G) समझौते के तहत निष्पादित किया जाएगा। यह जानकारी समाचार एजेंसी ANI ने सरकारी सूत्रों के हवाले से दी।

क्या-क्या शामिल है सौदे में?
इस सौदे में 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर राफेल मरीन फाइटर जेट शामिल हैं। इसके साथ ही इसमें एक व्यापक समर्थन पैकेज भी शामिल है, जिसमें बेड़े का रखरखाव, लॉजिस्टिक सहायता, नौसैनिक कर्मियों का प्रशिक्षण, और ऑफसेट नीति के तहत भारत में बनाए जाने वाले स्वदेशी घटकों का निर्माण भी शामिल होगा।

डिलीवरी की समयसीमा
राफेल मरीन जेट की डिलीवरी समझौते पर हस्ताक्षर होने के करीब पांच वर्षों के भीतर शुरू होने की उम्मीद है।

INS विक्रांत पर तैनाती
इन 4.5 पीढ़ी के अत्याधुनिक कैरियर-बेस्ड लड़ाकू विमानों को भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। इससे नौसेना की वायु शक्ति में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी होगी। ये जेट्स मौजूदा मिग-29K बेड़े के साथ मिलकर कार्य करेंगे, जो वर्तमान में INS विक्रमादित्य से उड़ान भर रहे हैं।

IAF के पास पहले से मौजूद राफेल
गौरतलब है कि भारतीय वायु सेना (IAF) के पास पहले से ही 36 राफेल लड़ाकू विमान मौजूद हैं, जो अंबाला और हाशिमारा एयरबेस पर तैनात हैं। अब, नौसेना के लिए राफेल का समुद्री संस्करण भारतीय सशस्त्र बलों की संयुक्त परिचालन क्षमताओं को और मजबूती देगा।

तकनीकी उन्नयन
इस सौदे में “बडी-बडी” एयर-टु-एयर रिफ्यूलिंग प्रणाली का उन्नयन भी शामिल हो सकता है, जिससे लगभग 10 राफेल मरीन जेट हवा में ही एक-दूसरे को ईंधन भरने में सक्षम होंगे। इससे उनकी सीमा और उड़ान की अवधि में काफी इजाफा होगा।

इसके अलावा, मौजूदा IAF राफेल बेड़े के लिए ग्राउंड-बेस्ड उपकरण और सॉफ्टवेयर में भी जरूरी तकनीकी उन्नयन की संभावना है।

नौसेना को करना होगा हार्डवेयर अपग्रेड
राफेल एम को नौसेना के विमानवाहक पोतों पर सुचारू रूप से ऑपरेट करने के लिए इन जहाजों में विशेष हार्डवेयर इंस्टॉल करना आवश्यक होगा।

भविष्य की योजना – स्वदेशी फाइटर जेट
भारतीय नौसेना के दीर्घकालिक रणनीतिक दृष्टिकोण में स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान शामिल हैं, जिन्हें रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) विकसित कर रहा है। यह दो इंजन वाला डेक-बेस्ड लड़ाकू विमान, वायु सेना के लिए विकसित किए जा रहे AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) का नौसैनिक संस्करण होगा।

यह निर्णय न केवल भारतीय नौसेना की सामरिक शक्ति को कई गुना बढ़ाएगा, बल्कि भारत की रक्षा उत्पादन क्षमताओं और स्वदेशीकरण के प्रयासों को भी मजबूती प्रदान करेगा।

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