भारत के विनिर्माण क्षेत्र ने 2025 की शुरुआत मजबूत प्रदर्शन के साथ की, क्योंकि विनिर्माण पीएमआई (Purchasing Managers’ Index) जनवरी में बढ़कर 57.7 तक पहुंच गया। यह वृद्धि नए ऑर्डरों में तेजी और निर्यात में जबरदस्त उछाल के कारण हुई।
माल उत्पादकों ने नए ऑर्डरों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की, जिसका श्रेय उन्होंने घरेलू मांग में मजबूती और अंतरराष्ट्रीय बिक्री में वृद्धि को दिया। कुल नए व्यवसाय में यह वृद्धि पिछले छह महीनों में सबसे तेज़ रही।
एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) दिसंबर में 56.4 था, जो जनवरी में बढ़कर 57.7 हो गया। इस वृद्धि के साथ खरीद स्तर में बढ़ोतरी और रोजगार सृजन में रिकॉर्ड तेजी देखी गई।
हालांकि लागत दबाव 11 महीनों में अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया, लेकिन मांग में मजबूती के कारण बिक्री की कीमतों में इजाफा जारी रहा। एचएसबीसी के मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, “जनवरी में भारत के विनिर्माण पीएमआई ने छह महीने का उच्चतम स्तर दर्ज किया। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में मांग मजबूत बनी रही, जिससे नए ऑर्डरों में वृद्धि को समर्थन मिला।”
रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियां उत्पादन की संभावनाओं को लेकर अधिक आशावादी नजर आ रही हैं। लगभग 32% फर्मों ने उत्पादन में वृद्धि की भविष्यवाणी की है, जबकि केवल 1% कंपनियों ने इसमें कमी की आशंका जताई है।
बढ़ती अंतर्निहित मांग, ग्राहक संबंधों में सुधार, अनुकूल आर्थिक माहौल और विपणन प्रयासों से विकास की संभावनाओं को बल मिल रहा है। इसके अलावा, कंपनियां अपनी इन्वेंट्री बढ़ाने में सफल रही हैं, क्योंकि आपूर्तिकर्ता समय पर आवश्यक सामग्री की डिलीवरी करने में सक्षम रहे।