भारतीय रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर होता गया, जिससे हाल ही में आई गिरावट और गहरी हो गई। भारत-अमेरिका व्यापारिक तनाव और निवेशकों की सतर्कता के कारण रुपये पर दबाव बना रहा।
अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में नरमी के बावजूद, रुपया शुरुआती कारोबार में लगभग 40 पैसे कमजोर खुला। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को भारत पर अत्यधिक शुल्क लगाने का आरोप लगाया और कहा कि अमेरिका को भारत में अपने उत्पाद बेचने में कठिनाई हो रही है। इस बयान के बाद रुपये में गिरावट देखी गई। वहीं, अमेरिकी डॉलर इंडेक्स 104 अंक से नीचे बना रहा।
सोमवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 29 पैसे कमजोर होकर 87.24 पर पहुंच गया। इस गिरावट के पीछे वैश्विक बाजारों में अस्थिरता, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और व्यापारिक चिंताएं मुख्य कारण रहीं।
विदेशी मुद्रा भंडार 11 महीने के निचले स्तर पर
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में बताया कि 28 फरवरी को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.781 बिलियन डॉलर घटकर 638.698 बिलियन डॉलर रह गया, जो पिछले 11 महीनों में सबसे कम स्तर पर पहुंच गया है।
विदेशी मुद्रा भंडार का एक प्रमुख घटक, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (FCA), 493 मिलियन डॉलर घटकर 543.35 बिलियन डॉलर रह गईं। इसके अलावा, स्वर्ण भंडार और अन्य परिसंपत्तियों में भी गिरावट देखी गई।
रुपये में जारी कमजोरी को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप कर सकता है। वहीं, निवेशकों की नजर आगामी वैश्विक आर्थिक घटनाक्रम और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों पर बनी हुई है, जो रुपये की आगे की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।