बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आयोजित महाकुंभ के तीसरे भव्य अमृत स्नान में सोमवार को पवित्र त्रिवेणी संगम पर आध्यात्मिक स्नान के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
नागा साधुओं की पारंपरिक शोभायात्रा
सुबह होते ही विभिन्न अखाड़ों के प्रसिद्ध नागा साधु और अन्य संत घाटों की ओर औपचारिक शोभायात्रा के साथ पहुंचे। सुबह 6 बजे तक जूना अखाड़े सहित अन्य प्रमुख अखाड़ों के साधुओं ने अपना पवित्र अनुष्ठान पूरा कर लिया। इस अवसर पर हेलीकॉप्टर से गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा की गई, जिससे माहौल भक्तिमय और उल्लासपूर्ण हो गया।
करोड़ों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अनुसार, सुबह 8 बजे तक 62.25 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके थे। इसके साथ ही 13 जनवरी से अब तक कुल तीर्थयात्रियों की संख्या 34.97 करोड़ से अधिक हो गई है। यह महाकुंभ 2025 का अंतिम ‘अमृत स्नान’ था, जो बसंत पंचमी के पावन अवसर पर आयोजित हुआ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शुभकामनाएं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर सभी संतों, श्रद्धालुओं और अखाड़ों को बधाई दी। लखनऊ से मुख्यमंत्री आयोजन की बारीकी से निगरानी कर रहे थे ताकि सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित हो सकें। माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स (X) पर उन्होंने लिखा,
“महाकुंभ, प्रयागराज में बसंत पंचमी के दौरान पवित्र त्रिवेणी संगम में ‘अमृत’ डुबकी लगाने वाले सभी पूज्य संतों, धर्मगुरुओं, अखाड़ों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएं।”
मुख्यमंत्री लगातार अधिकारियों से रिपोर्ट लेकर ‘अमृत स्नान’ की प्रगति की जानकारी प्राप्त कर रहे थे।
सुरक्षा और व्यवस्था की कड़ी निगरानी
डीआईजी महाकुंभ वैभव कृष्ण ने बताया, “हमारी व्यवस्थाएं सुदृढ़ हैं और भीड़ नियंत्रण के लिए उठाए गए सभी कदम पूरी तरह लागू किए गए हैं। अब तक सभी प्रमुख अखाड़ों ने अपने धार्मिक अनुष्ठान सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं।”
अतिरिक्त मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने कहा, “यह बसंत पंचमी का तीसरा ‘अमृत स्नान’ है, जिसमें सभी अखाड़े निर्धारित क्रम में संगम पर पहुंचकर पवित्र स्नान कर रहे हैं। प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है और हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।”
सुबह 4 बजे तक 16.58 लाख श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके थे, जिससे कुल संख्या 34.97 करोड़ तक पहुंच गई। अधिकारियों के अनुसार, बसंत पंचमी के अवसर पर पांच करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान लगाया गया था।
अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू
29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दौरान हुई दुर्भाग्यपूर्ण भगदड़ को ध्यान में रखते हुए इस बार प्रशासन ने अतिरिक्त सुरक्षा उपाय अपनाए हैं। स्थानीय प्रशासन, पुलिस और तीर्थयात्रियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया गया है, जिससे भीड़ को विभिन्न घाटों पर सुव्यवस्थित रूप से वितरित किया जा सके।
खगोलीय दृष्टि से विशेष महाकुंभ
इस वर्ष महाकुंभ का विशेष महत्व है, क्योंकि ज्योतिषीय गणना के अनुसार दुर्लभ “त्रिवेणी योग” का संयोग बन रहा है, जो हर 144 वर्षों में एक बार आता है। इस कारण से यह कुंभ मेला विशेष रूप से शुभ माना जा रहा है।
अखाड़ों का पवित्र स्नान
सभी अखाड़े निर्धारित क्रम में संगम में स्नान कर रहे थे। सबसे पहले संन्यासी संप्रदाय ने स्नान किया, उसके बाद बैरागी और उदासीन संप्रदाय ने अपनी पवित्र डुबकी लगाई।
विदेशी संतों ने किया कुंभ मेले का गुणगान
दक्षिण अमेरिका की प्रसिद्ध साध्वी महामंडलेश्वर श्री देवी मां ने इस अवसर पर कहा,
“देवी गंगा के पवित्र जल में स्नान कर आशीर्वाद प्राप्त करना एक दिव्य अनुभव है। महाकुंभ मेला हमारी चेतना को जागरूकता की उच्च अवस्था में ले जाने का एक अनमोल अवसर प्रदान करता है।”
आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर माहौल
शंभू पंच अग्नि अखाड़े के स्वामी विष्णु महाराज ने कहा,
“प्रयागराज की ऊर्जा इन दिनों अत्यंत शक्तिशाली है। अखाड़ों और भक्तों के आगमन से यहां का आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ गया है। यह स्थान भक्ति, तपस्या और ध्यान के लिए एक आदर्श केंद्र बन चुका है।”
प्रशासन और सुरक्षाबलों की कड़ी व्यवस्था के कारण इस बार ‘अमृत स्नान’ बिना किसी बाधा के सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।