Sunday, April 27, 2025

‘पैरोडी विवाद’ पर कुणाल कामरा ने FIR रद्द करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया

स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे पर किए गए व्यंग्य और चुटकुलों को लेकर अपने खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज मामले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) का उल्लंघन करते हैं। इस याचिका पर सुनवाई 21 अप्रैल को होनी है।

इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने कुणाल कामरा को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी और मुंबई पुलिस द्वारा भेजे गए तीन समन को खारिज कर दिया था।

कुणाल कामरा हाल ही में तब विवादों में आए जब उनका एक स्टैंड-अप शो, जो पिछले महीने मुंबई के हैबिटेट स्टूडियो में शूट हुआ था, सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस शो में उन्होंने बॉलीवुड फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के प्रसिद्ध गीत ‘भोली सी सूरत’ की पैरोडी प्रस्तुत की थी। पैरोडी में उन्होंने श्री एकनाथ शिंदे को ‘गद्दार’ कहा था। बता दें कि श्री शिंदे ने 2022 में शिवसेना में विद्रोह का नेतृत्व किया था, जिससे पार्टी विभाजित हो गई थी और उद्धव ठाकरे सरकार गिर गई थी। श्री ठाकरे अक्सर शिंदे को ‘गद्दार’ कहकर संबोधित करते रहे हैं।

कुमार की टिप्पणी से नाराज़ श्री शिंदे के समर्थकों ने स्टैंड-अप शो के आयोजन स्थल, हैबिटेट स्टूडियो, में तोड़फोड़ की। इसके बाद स्टूडियो को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया और उन्होंने स्पष्ट किया कि वे किसी भी शो की सामग्री पर कोई नियंत्रण नहीं रखते हैं। अगले ही दिन नगर निगम अधिकारियों ने इमारत कानूनों के उल्लंघन का हवाला देते हुए स्टूडियो के कुछ हिस्सों को ध्वस्त कर दिया। हालांकि, जिस तरह यह कार्रवाई हुई, उससे संदेह जताया जा रहा है कि यह कुणाल कामरा के शो और विवाद से जुड़ी हो सकती है।

कुणाल कामरा ने अपने बचाव में कहा, “एक शक्तिशाली सार्वजनिक व्यक्ति की कीमत पर मजाक करने में आपकी असहजता मेरे अधिकार की प्रकृति को नहीं बदलती है।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि राजनीतिक व्यवस्था और नेताओं का मजाक उड़ाना कानून के खिलाफ नहीं है। कामरा ने कहा कि वह पुलिस और अदालतों के साथ सहयोग करने को तैयार हैं, लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि क्या स्टूडियो में तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “मैं माफ़ी नहीं मांगूंगा। मैं इस भीड़ से नहीं डरता और अपने बिस्तर के नीचे छिपकर इस घटना के शांत होने का इंतज़ार नहीं करूंगा।”

वहीं, श्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह तोड़फोड़ का समर्थन नहीं करते, लेकिन उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं का हवाला देते हुए कहा, “हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है।” उन्होंने यह भी सवाल किया कि “कुणाल कामरा को मुझे निशाना बनाने की सुपारी किसने दी?”

यह मामला अब अदालत में है, और 21 अप्रैल को इस पर अगली सुनवाई होनी है, जिस पर पूरे देश की निगाहें टिकी होंगी।

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