Monday, February 10, 2025

पुणे में सिंहगढ़ रोड से बढ़कर अन्य क्षेत्रों तक फैले GBS के मामले

पुणे में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) का प्रकोप अब केवल सिंहगढ़ रोड क्षेत्र तक सीमित नहीं रहा, बल्कि शहर के अन्य हिस्सों और ग्रामीण इलाकों में भी इसके संदिग्ध मामले सामने आ रहे हैं।

जीबीएस के नए मामले विभिन्न क्षेत्रों में फैले

सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जीबीएस के मामले सबसे पहले नांदेड़ गांव, सिंहगढ़ रोड, नांदेड़ शहर, खड़कवासला और धायरी में सामने आए थे। हालांकि, अब पुणे के अन्य हिस्सों में जैसे थेरगांव, मुंधवा, मावल, खेड़, चिखली, पिंपल गुरव, वाघोली, धनकवड़ी, तालेगांव, चाकन, पिंपरी, कोथरुड, रावेट और मोशी में भी संदिग्ध मामले दर्ज किए जा रहे हैं।

पुणे नगर निगम (पीएमसी) के अधिकारियों को अभी तक नए और पहले के मामलों के बीच कोई सामान्य लिंक नहीं मिला है। सिंहगढ़ रोड क्षेत्र में एक जल स्रोत को संभावित कारण माना जा रहा था, लेकिन नए मामलों के लिए ऐसा कोई स्पष्ट कारण अभी तक सामने नहीं आया है।

अब तक 158 मामले और 5 संदिग्ध मौतें

अब तक पूरे महाराष्ट्र में जीबीएस के 158 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 127 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा, 5 संदिग्ध मौतों की भी रिपोर्ट आई है। इन मामलों में:

  • पीएमसी क्षेत्र से 31
  • पीएमसी में हाल ही में जोड़े गए गांवों से 83
  • पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम (पीसीएमसी) से 18
  • पुणे ग्रामीण क्षेत्र से 18
  • अन्य जिलों से 8 मरीज शामिल हैं।

नागरिकों की चिंता और प्रशासन की प्रतिक्रिया

कोथरुड के निवासी अमोल जाधव ने कहा, “एक क्षेत्र से कई क्षेत्रों में फैलना चिंताजनक है। हम अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। नागरिक अधिकारियों को तुरंत कदम उठाने चाहिए।”

पीएमसी की स्वास्थ्य प्रमुख डॉ. नीना बोराडे ने बताया कि पिछले वर्ष पुणे में जीबीएस के 194 मामले दर्ज किए गए थे। उन्होंने कहा, “ऐसे मामले हमेशा होते रहे हैं, लेकिन अब इनकी रिपोर्टिंग अधिक व्यवस्थित तरीके से हो रही है। नागरिकों को घबराने की जरूरत नहीं है। ये छिटपुट मामले हैं, लेकिन हमने नए प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी शुरू कर दी है।”

स्वास्थ्य अधिकारियों के प्रयास और रोकथाम उपाय

स्थानीय प्रशासन, जिसमें पीएमसी, पीसीएमसी और पुणे ग्रामीण क्षेत्र के अधिकारी शामिल हैं, प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए निगरानी और रोकथाम के प्रयास तेज कर रहे हैं।

पीसीएमसी के स्वास्थ्य प्रमुख डॉ. लक्ष्मण गोफने ने कहा, “हमने घर-घर सर्वेक्षण के लिए 16 टीमें तैनात की हैं। हम हर दिन सोशल मीडिया पर अपडेट साझा कर रहे हैं, जिसमें केवल पका हुआ खाना खाने और उबला हुआ पानी पीने के महत्व को बताया जा रहा है। अब तक हमने 13,232 घरों का सर्वेक्षण पूरा कर लिया है। नागरिकों को घबराने की जरूरत नहीं है। हमने सभी आवश्यक निवारक कदम उठाए हैं और पूरी तरह से तैयार हैं।”

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह

स्वास्थ्य अधिकारियों ने नागरिकों को चेतावनी दी है कि वे कमजोरी, झुनझुनी, चलने में कठिनाई जैसे शुरुआती लक्षणों के प्रति सतर्क रहें और तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

जैसे-जैसे नए मामले सामने आ रहे हैं, प्रशासन इस प्रकोप के स्रोत की पहचान करने और इसे रोकने के लिए प्रयासरत है। नागरिकों को सतर्क रहने और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।

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