पाकिस्तानी सेना ने शनिवार रात जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर एक बार फिर बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की। भारतीय सेना ने इसका प्रभावी और सटीक जवाब देते हुए स्थिति को नियंत्रण में लिया।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, “25-26 अप्रैल की रात को कश्मीर में एलओसी के पार कई पाकिस्तानी सेना की चौकियों से छोटे हथियारों से बिना उकसावे के गोलीबारी की गई। हमारे सैनिकों ने संयम और अनुशासन के साथ जवाब दिया। इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।”
इससे पहले, 24 अप्रैल को भी पाकिस्तान की ओर से एलओसी के कुछ क्षेत्रों में छोटे हथियारों से गोलीबारी की गई थी, जिसका जवाब भारतीय सेना ने सख्ती से दिया।
दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव का मुख्य कारण 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन मैदान में हुआ आतंकवादी हमला है। इस हमले में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादियों ने 25 पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक सहित कुल 26 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या कर दी। इस जघन्य कृत्य से पूरे देश में आक्रोश फैल गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हत्याकांड पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, “आतंकवादियों, उनके आकाओं और समर्थकों का हर हाल में पीछा किया जाएगा और उन्हें धरती के अंतिम छोर तक खदेड़ कर सज़ा दी जाएगी।”
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ एक उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की। बैठक में एलजी सिन्हा ने सेना से कहा कि वे पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों को पकड़ने के लिए हर संभव बल का प्रयोग करें।
सुरक्षा बलों ने इस हमले के संदिग्ध आतंकवादियों पर कार्रवाई तेज कर दी है। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े तीन आतंकियों के घरों को शोपियां, पुलवामा और कुलगाम जिलों में ढहा दिया गया है। इसके अतिरिक्त, त्राल और बिजबेहरा क्षेत्रों में दो आतंकवादियों—आदिल हुसैन थोकर और आसिफ शेख—के घरों को भी शुक्रवार को ध्वस्त कर दिया गया। ये दोनों आतंकी पहलगाम हत्याकांड में शामिल बताए जाते हैं।
इसके अलावा, 7 अप्रैल और 1 अप्रैल को भी पाकिस्तानी सेना ने पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था। 1 अप्रैल की घटना में एक माइन विस्फोट के बाद पाकिस्तानी सेना ने गोलीबारी की, जिसका भारतीय सेना ने “नियंत्रित और संतुलित” तरीके से प्रभावी जवाब दिया।
इन घटनाओं से स्पष्ट है कि पाकिस्तान एक बार फिर अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा, लेकिन भारतीय सेना पूरी तरह से सतर्क है और हर उकसावे का सटीक जवाब देने के लिए तैयार है।