Monday, February 10, 2025

पाकिस्तान ने दी अफगान शरणार्थियों के निर्वासन की धमकी

इस्लामाबाद – पाकिस्तान ने चेतावनी दी है कि यदि मेजबान सरकारें अफगान शरणार्थियों के पुनर्वास मामलों पर तेजी से कार्रवाई नहीं करती हैं, तो वह अपने देश में रह रहे इन शरणार्थियों को निर्वासित कर देगा। अधिकारियों ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी।

2021 में तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद हजारों अफगान नागरिक पाकिस्तान भाग गए। इनमें से कई अमेरिका में पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे हैं, क्योंकि वे अमेरिकी सरकार, मीडिया, सहायता एजेंसियों और मानवाधिकार संगठनों के साथ अपने काम के कारण जोखिम में हैं।

हालांकि, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा हाल ही में अमेरिकी शरणार्थी कार्यक्रमों को रोक दिए जाने के बाद, लगभग 20,000 अफगान नागरिक पाकिस्तान में अनिश्चित स्थिति में फंसे हुए हैं।

पाकिस्तान का सख्त रुख

ट्रम्प प्रशासन ने घोषणा की थी कि अमेरिकी शरणार्थी प्रवेश कार्यक्रम 27 जनवरी से कम से कम तीन महीने के लिए निलंबित रहेगा। इससे पाकिस्तान के अधिकारियों में चिंता बढ़ गई है। दो सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पिछले सप्ताह फैसला किया कि यदि शरणार्थियों के मामलों पर तेजी से कार्रवाई नहीं होती, तो उन्हें अफगानिस्तान वापस भेज दिया जाएगा।

उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि इस्लामाबाद और रावलपिंडी में रह रहे अफगान शरणार्थियों को 31 मार्च तक निकालने की समय सीमा तय की गई है। यदि इस समय तक वे अपने मेजबान देशों में स्थानांतरित नहीं होते हैं, तो उन्हें निर्वासित कर दिया जाएगा।

हालांकि, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

शरणार्थियों में बढ़ी दहशत

पाकिस्तान द्वारा संभावित जबरन निर्वासन की खबर से हजारों अफगान शरणार्थियों में डर का माहौल बन गया है। इनमें से कई लोग तालिबान के प्रतिशोध के डर से अपने देश वापस लौटने को लेकर चिंतित हैं।

अफगान यू.एस. शरणार्थी प्रवेश कार्यक्रम के वकालत समूह के सदस्य अहमद शाह ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि पाकिस्तान का यह फैसला बेहद संवेदनशील समय पर आया है। उन्होंने कहा कि शरणार्थी पहले से ही भावनात्मक तनाव और आघात से गुजर रहे हैं, और इस निर्णय ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

उन्होंने पाकिस्तान सरकार से आग्रह किया कि वह अमेरिका और अन्य देशों से इस बारे में जवाब मांगे कि क्या वे शरणार्थियों के पुनर्वास की प्रक्रिया को तेज करेंगे।

खालिद खान, जो 2023 से अमेरिका में स्थानांतरित होने का इंतजार कर रहे हैं, ने कहा, “हम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से अपील करते हैं कि हमें इस तरह से निर्वासित न किया जाए।”

उन्होंने बताया कि कई अफगान शरणार्थी गिरफ़्तारी से बचने के लिए इस्लामाबाद से अन्य शहरों में जाने की तैयारी कर रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र और अधिकार संगठनों की चिंता

पाकिस्तान में हजारों अफगान नागरिक शरणार्थी के रूप में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के साथ पंजीकृत हैं। वर्तमान में उनका प्रवास जून 2024 तक बढ़ा दिया गया है।

हालांकि, पाकिस्तान ने नवंबर 2023 में बिना उचित दस्तावेजों के देश में रहने वाले विदेशियों पर कार्रवाई शुरू कर दी थी। संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों की आलोचना के बावजूद, अब तक करीब 800,000 अफगान नागरिक या तो स्वेच्छा से वापस चले गए हैं या उन्हें जबरन निर्वासित किया गया है।

अधिकारियों के अनुसार, आने वाले महीनों में यह कार्रवाई जारी रहेगी। पिछले महीने एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी इस्लामाबाद में कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा अफगान शरणार्थियों की गिरफ्तारी और परेशान किए जाने की रिपोर्टों पर चिंता व्यक्त की थी।

क्या होगा आगे?

अब सभी की नजरें अमेरिका और अन्य मेजबान देशों की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं। यदि पुनर्वास प्रक्रिया में तेजी नहीं आई, तो पाकिस्तान द्वारा शरणार्थियों के जबरन निर्वासन की आशंका बढ़ सकती है।

इस बीच, पाकिस्तान में रह रहे हजारों अफगान शरणार्थी असुरक्षा और अनिश्चितता में जीने को मजबूर हैं।

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