Sunday, June 15, 2025

पाकिस्तान ट्रेन हमला: बलूचिस्तान में बढ़ते उग्रवादी हमलों के पीछे क्या कारण हैं?

पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में लंबे समय से उग्रवाद सक्रिय है, लेकिन हाल के वर्षों में इसमें उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। मंगलवार को, प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने एक यात्री ट्रेन पर हमला किया, जो इस संगठन द्वारा किए गए सबसे बड़े अभियानों में से एक माना जा रहा है।

यात्री ट्रेन पर हमला और उसके नतीजे

हमलावरों ने जाफर एक्सप्रेस में सवार सैकड़ों यात्रियों को बंधक बना लिया। पाकिस्तानी सेना ने बुधवार को दावा किया कि उन्होंने सभी 50 हमलावरों को मार गिराया है। सैन्य बयानों के अनुसार, इस हमले में 21 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि बाकी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया।

बलूचिस्तान में बढ़ती हिंसा का कारण

बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा लेकिन सबसे कम आबादी वाला प्रांत है और यह जातीय बलूच अल्पसंख्यकों का घर है। ये समुदाय लंबे समय से सरकारी भेदभाव और शोषण का आरोप लगाते रहे हैं। अलगाववादी गुट 2000 के दशक की शुरुआत से ही स्वशासन या इस्लामाबाद से स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं, खासकर क्षेत्र के समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों पर अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

BLA और उसका प्रभाव

BLA को उसकी गतिविधियों और खतरे के स्तर के कारण पाकिस्तानी तालिबान के बराबर माना जाता है। यह संगठन अक्सर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर हमला करता है और इससे पहले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) की परियोजनाओं में शामिल चीनी नागरिकों को भी निशाना बना चुका है। पाकिस्तान सरकार भले ही बलूचिस्तान में हिंसा में कमी का दावा करे, लेकिन क्षेत्र में हमले लगातार जारी हैं।

BLA की बढ़ती ताकत और वैश्विक संदर्भ

पाकिस्तान और अमेरिका दोनों ने BLA को एक आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है। अनुमान है कि इस गुट के पास लगभग 3,000 लड़ाके हैं, जिनका लक्ष्य पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान के बलूच बहुल क्षेत्रों को मिलाकर एक स्वतंत्र बलूच राज्य बनाना है।

पाकिस्तान का दावा है कि भारत BLA का समर्थन करता है और यह भी संकेत दिया गया है कि पाकिस्तानी तालिबान और BLA के बीच सहयोग बढ़ा है। विशेषज्ञों ने 2022 में पाकिस्तानी तालिबान द्वारा संघर्ष विराम समाप्त करने के बाद से BLA की गतिविधियों में बढ़ोतरी दर्ज की है।

ईरान-पाकिस्तान सीमा और सुरक्षा चुनौतियां

बलूचिस्तान की ईरान के साथ 900 किलोमीटर लंबी सीमा अस्थिरता को बढ़ाने वाला एक प्रमुख कारक है। इस क्षेत्र में तस्करों और आतंकवादी समूहों की स्वतंत्र आवाजाही ने पाकिस्तान और ईरान दोनों के लिए सुरक्षा संबंधी चुनौतियां बढ़ा दी हैं। दोनों देश एक-दूसरे पर विद्रोही गुटों को शरण देने का आरोप लगाते हैं, जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता और गहरी होती जा रही है।

आर्थिक प्रभाव और भविष्य की स्थिति

इस बढ़ती हिंसा के गंभीर आर्थिक प्रभाव भी हैं। यह स्थिति विदेशी निवेशकों को पाकिस्तान में निवेश करने से रोकती है। चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत किए गए निवेशों ने भी बलूच समुदाय में असंतोष को बढ़ा दिया है, क्योंकि उनका मानना है कि स्थानीय संसाधनों का दोहन किया जा रहा है, लेकिन उनके समुदाय को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा।

सुरक्षा विशेषज्ञ सैयद मुहम्मद अली के अनुसार, ट्रेन पर हुआ यह हमला अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान खींचने में सफल रहा, लेकिन निर्दोष नागरिकों की मौत से BLA के स्थानीय समर्थन में कमी आ सकती है।

बलूचिस्तान में बढ़ते उग्रवादी हमलों की यह प्रवृत्ति न केवल पाकिस्तान बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही है।

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