Sunday, April 27, 2025

पाकिस्तानी सेना के जवानों ने एलओसी पार की, भारतीय सेना ने दिया करारा जवाब

मंगलवार को पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के कृष्णा घाटी सेक्टर में हुई। पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय ठिकानों पर गोलीबारी भी की।

यह घटनाक्रम गृह मंत्री अमित शाह के 7 और 8 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर दौरे से पहले हुआ है। वहीं, सुरक्षा बल कई दिनों से कठुआ जिले में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं।

क्या हुआ?

यह घटना मंगलवार दोपहर 1:10 बजे हुई। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि उल्लंघन कृष्णा घाटी सेक्टर के नांगी टिकटी इलाके में हुआ, जो आमतौर पर आतंकवादियों के लिए घुसपैठ का पसंदीदा रास्ता नहीं है।

घुसपैठ के दौरान एक विस्फोट हुआ, जिसमें पांच पाकिस्तानी सैनिक घायल हो गए। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सेना की कृष्णा घाटी ब्रिगेड के तहत तैनात नांगी टेकरी बटालियन के सैनिकों ने पाकिस्तान की तरफ से हुई गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया।

इंडिया टुडे के अनुसार, भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में चार से पांच पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। भारतीय सेना ने स्पष्ट किया कि उसे इस हमले में कोई नुकसान नहीं हुआ।

जम्मू स्थित रक्षा जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा,
“1 अप्रैल, 2025 को एलओसी के पार पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ के कारण कृष्णा घाटी सेक्टर में एक माइन ब्लास्ट हुआ। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने बिना उकसावे के गोलीबारी की और संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। हमारे सैनिकों ने प्रभावी और संतुलित तरीके से जवाब दिया। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और इस पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।”

भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौता

लेफ्टिनेंट कर्नल बर्तवाल ने कहा कि भारतीय सेना 2021 में दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच हुए समझौते का सम्मान करने की आवश्यकता को दोहराती है।

एनडीटीवी के अनुसार, 2021 की बैठक में दोनों देशों ने सहमति जताई थी कि एलओसी पर शांति बनाए रखी जाएगी और सभी संघर्ष विराम समझौतों का पालन किया जाएगा।

हाल के महीनों में सीमा पार से गोलीबारी की घटनाओं में वृद्धि हुई है। भारतीय सेना के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि स्थानीय स्तर पर इन घटनाओं से प्रभावी ढंग से निपटा जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों ने कृष्णा घाटी सेक्टर में घुसपैठ के कई असफल प्रयास किए हैं, जिसमें उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

भारत-पाकिस्तान के बीच फ्लैग मीटिंग

पुंछ जिले में हाल ही में सीमा पार गोलीबारी और आईईडी हमलों के बाद, भारत और पाकिस्तान ने तनाव कम करने के लिए फरवरी में एलओसी पर फ्लैग मीटिंग की थी।

सूत्रों के अनुसार, यह ब्रिगेड-कमांडर स्तर की बैठक चक्कन-दा-बाग क्रॉसिंग पॉइंट पर हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने संघर्ष विराम समझौते का पालन करने और सीमा पर शांति बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।

पिछली बार एलओसी पार करने पर क्या हुआ था?

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, जुलाई 2024 में पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) ने कुपवाड़ा जिले के एक भारतीय अग्रिम मोर्चे पर हमला किया था।

BAT में पाकिस्तानी सैन्यकर्मी और आतंकवादी शामिल होते हैं। आमतौर पर, यह टीम एलओसी पार करने वाले घुसपैठियों को कवर फायर प्रदान करती है।

इस घटना में दो से तीन पाकिस्तानी सैनिकों ने खराब मौसम और कम दृश्यता का फायदा उठाकर एलओसी पार किया और ग्रेनेड व गोलीबारी से भारतीय चौकी पर हमला किया।

ईटीवी भारत के अनुसार, इस हमले में एक भारतीय सैनिक शहीद हो गया, जबकि मेजर रैंक के एक अधिकारी सहित चार अन्य घायल हुए थे। शहीद जवान जम्मू-कश्मीर का रहने वाला था और श्रीनगर के एक सैन्य अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

भारतीय सेना के एक प्रवक्ता ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया,
“यह घुसपैठ की कोशिशों का हिस्सा है, जिसमें पाकिस्तानी सेना सक्रिय रूप से आतंकवादियों की मदद करती है। वे घने जंगल और खराब दृश्यता का फायदा उठाते हैं। लेकिन सतर्क भारतीय सैनिक लगातार इन प्रयासों को विफल कर रहे हैं।”

ईटीवी भारत की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में एक पाकिस्तानी घुसपैठिया भी मारा गया था, जो आतंकवादियों का गाइड था

पाकिस्तानी सेना द्वारा एलओसी पार करने की यह घटना भारत-पाकिस्तान के तनावपूर्ण संबंधों को और जटिल बना सकती है। हालांकि, भारतीय सेना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी घुसपैठ का कड़ा जवाब दिया जाएगा और सीमा की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

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