Friday, December 27, 2024

‘नोएल टाटा’ टाटा संस के बोर्ड में शामिल हुए

टाटा समूह में एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है, जहां नोएल टाटा को 1 नवंबर को टाटा संस के बोर्ड में शामिल किया गया है। यह फैसला दिवाली से ठीक पहले एक ऑनलाइन बोर्ड मीटिंग में लिया गया। हाल ही में, नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट्स का चेयरमैन भी बनाया गया था।

इस नियुक्ति का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि 2011 के बाद से नोएल टाटा पहले ऐसे सदस्य हैं जो टाटा ट्रस्ट्स और टाटा संस दोनों के बोर्ड में एक साथ शामिल हैं। टाटा ट्रस्ट्स के पास टाटा संस की 66% हिस्सेदारी है, और इस नई जिम्मेदारी के साथ नोएल टाटा परिवार की ओर से समूह पर नज़दीकी निगरानी रखने की भूमिका निभाएंगे।

नोएल टाटा की पृष्ठभूमि और उनका योगदान

नोएल टाटा, जो 67 साल के हैं, रतन टाटा के सौतेले भाई हैं और उन्होंने टाटा समूह के खुदरा और निवेश कारोबार में उल्लेखनीय काम किया है। उन्होंने ट्रेंट और वोल्टास में अध्यक्ष का पद संभाला और टाइटन और टाटा स्टील में उपाध्यक्ष के रूप में काम किया। 2014 में ट्रेंट में शामिल होने के बाद, उन्होंने कंपनी के राजस्व में 430% की वृद्धि की। इसी तरह, 2017 में वोल्टास का नेतृत्व करने के बाद कंपनी के राजस्व में भी दोगुनी बढ़ोतरी हुई।

टाटा समूह में बदलाव और भविष्य की उम्मीदें

रतन टाटा, जिनका हाल ही में निधन हुआ, ने टाटा समूह को एक मजबूत आधार दिया। उनके नेतृत्व के सिद्धांतों के आधार पर समूह आगे बढ़ेगा। टाटा ट्रस्ट्स टाटा संस के बोर्ड के सदस्यों को नामित करता है, जिसमें से एक-तिहाई सदस्य टाटा ट्रस्ट्स द्वारा चुने जाते हैं। नोएल टाटा के साथ, टीवीएस के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन और रक्षा मंत्रालय के पूर्व अधिकारी विजय सिंह भी टाटा ट्रस्ट्स द्वारा नामित हैं। ये सदस्य समूह की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

नोएल टाटा का नेतृत्व टाटा समूह के लिए लाभकारी रहा है। उनके कार्यकाल में ट्रेंट का राजस्व 2014 के 2,333 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 12,375 करोड़ रुपये हो गया, जिससे कंपनी घाटे से मुनाफे में आ गई। वोल्टास का भी राजस्व उनके नेतृत्व में दोगुना होकर 12,481 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्प में भी उनकी रणनीति से निवेश पर भारी रिटर्न मिला है।

अब, नोएल टाटा गैर-कार्यकारी पद में टाटा समूह में स्थिरता और निरंतरता लाने की जिम्मेदारी निभाएंगे। टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन के रूप में उनकी आयु को लेकर कोई सीमा नहीं है, जिससे वे आगे भी समूह के रणनीतिक फैसलों में सक्रिय रूप से शामिल रहेंगे।

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