Friday, July 11, 2025

ट्रम्प ने चीन पर टैरिफ कम करने के संकेत दिए, बाजारों में मची हलचल

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को संकेत दिया कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते टैरिफ को कम किया जा सकता है, जिससे वैश्विक बाजारों में अचानक हलचल मच गई। ट्रम्प ने साथ ही यह भी कहा कि लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म TikTok के अमेरिकी परिचालन के भविष्य को लेकर कोई भी फैसला व्यापारिक मुद्दों के हल होने तक टाला जा सकता है।

व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए ट्रम्प ने कहा, “मैं नहीं चाहता कि टैरिफ और बढ़ें, क्योंकि एक निश्चित बिंदु के बाद लोग खरीदारी करना बंद कर देते हैं। इसलिए, मैं शायद टैरिफ को और न बढ़ाना चाहूँ, या शायद उस स्तर तक भी न पहुँचना चाहूँ। हो सकता है मैं टैरिफ को कम करना चाहूँ, क्योंकि हम चाहते हैं कि लोग खरीदारी करें।”

उन्होंने यह भी बताया कि टैरिफ लागू किए जाने के बाद से चीन लगातार संपर्क में है, और उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देश किसी समझौते पर पहुँच सकते हैं। हालांकि, सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि दोनों पक्षों के बीच उच्च-स्तरीय, निर्बाध बातचीत, जो किसी ठोस सौदे की ओर बढ़ सकती है, लगभग नदारद है।

पत्रकारों के कई सवालों के बावजूद ट्रम्प ने यह स्पष्ट नहीं किया कि चीन के साथ हो रही बातचीत में राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सीधी भागीदारी है या नहीं।

TikTok के विषय में बात करते हुए ट्रम्प ने बताया कि बाइटडांस के स्वामित्व वाले इस ऐप, जिसका इस्तेमाल अमेरिका में लगभग 170 मिलियन लोग करते हैं, को लेकर अमेरिकी संपत्तियों की बिक्री की समयसीमा को कई बार बढ़ाया गया है। गुरुवार को उन्होंने कहा कि जब तक चीन के साथ व्यापारिक मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता, तब तक TikTok सौदे को टालना उचित रहेगा।

“हमारे पास TikTok के लिए एक डील है,” ट्रम्प ने कहा, “लेकिन यह अभी चीन के अधीन होगी, इसलिए हम इसे तब तक के लिए टाल सकते हैं जब तक कि यह मुद्दा किसी न किसी रूप में सुलझ न जाए।”

व्यापार युद्ध का बढ़ता तनाव

ट्रम्प की इन हालिया टिप्पणियों से यह संकेत मिला कि वह 2 अप्रैल को प्रस्तावित भारी और व्यापक टैरिफ बढ़ोतरी के अपने पहले के रुख से कुछ पीछे हट सकते हैं, जिससे बाजारों में पहले से ही भारी अस्थिरता देखी गई थी।

रिपब्लिकन राष्ट्रपति ट्रम्प ने देश में आने वाले अधिकांश विदेशी उत्पादों पर 10% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, लेकिन वार्ता जारी रहने तक उच्च शुल्क के क्रियान्वयन में देरी की बात कही थी।

हाल के महीनों में ट्रम्प प्रशासन ने चीनी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाकर बीजिंग पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। व्हाइट हाउस द्वारा मंगलवार को जारी एक तथ्य-पत्र में बताया गया कि अब चीन को अमेरिका में अपने उत्पादों पर अधिकतम 245% तक के टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है।

इसके जवाब में चीन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने अमेरिका से अपील की कि वह “अत्यधिक दबाव” बनाना बंद करे और कहा कि कोई भी व्यापार वार्ता पारस्परिक सम्मान और समानता के आधार पर ही होनी चाहिए।

बीजिंग ने अमेरिकी टैरिफों को “तर्कहीन” करार दिया है और “अर्थहीन संख्या के इस खेल” को नजरअंदाज करने की बात कही है। मंत्रालय ने चेतावनी दी कि यदि अमेरिका चीन के अधिकारों और हितों को गंभीर नुकसान पहुँचाने पर अड़ा रहता है, तो चीन “अंत तक लड़ेगा”।

मंत्रालय के प्रवक्ता हे योंगकियान ने अपने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका ने पूरी तरह से एकतरफा रूप से टैरिफ बढ़ाना शुरू किया है।”

जहाँ अन्य देश ट्रम्प के “पारस्परिक टैरिफ” प्रस्तावों पर बातचीत कर रहे हैं, वहीं बीजिंग ने अमेरिकी वस्तुओं पर अपने टैरिफ बढ़ा दिए हैं और वार्ता की मांग नहीं की है। चीन का कहना है कि बातचीत तभी संभव है जब वह बराबरी और सम्मान के सिद्धांतों पर आधारित हो।

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