Sunday, April 27, 2025

टैरिफ राहत के संकेतों ने व्यापार तनाव के बीच वैश्विक बाजारों में आशावाद को किया प्रबल

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा कुछ टैरिफ में संभावित अस्थायी राहत देने के संकेत से वैश्विक बाजारों में आशावाद की लहर फैल गई है। सोमवार को दिए गए बयानों में ट्रम्प ने ऑटोमोबाइल सेक्टर पर टैरिफ को अस्थायी रूप से निलंबित करने और हाल ही में लागू किए गए उच्च टैरिफ से कुछ इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को अस्थायी छूट देने का संकेत दिया।

राष्ट्रपति ट्रम्प ने बताया कि यह कदम कार निर्माताओं को उनकी आपूर्ति श्रृंखलाओं को पुनर्गठित करने का समय देने के लिए उठाया गया है। उन्होंने विशेष रूप से उन कंपनियों की मदद की इच्छा जताई जो मेक्सिको और कनाडा से अपना उत्पादन अमेरिका स्थानांतरित करना चाहती हैं। ट्रम्प ने स्वीकार किया कि इस बदलाव में “कुछ समय” लगेगा। यह बयान 27 मार्च को घोषित 25% ऑटो टैरिफ के संदर्भ में आया है।

चीन से आयातित इलेक्ट्रॉनिक्स पर टैरिफ को लेकर भी ट्रम्प ने स्पष्टता दी। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर और स्मार्टफोन जैसे उत्पादों को फिलहाल 145% की टैरिफ दर से हटाकर 20% की दर पर लाया जाएगा। ट्रुथ सोशल पर साझा किए गए एक स्पष्टीकरण में उन्होंने बताया कि यह कोई “अपवाद” नहीं है, बल्कि यह मौजूदा “फेंटेनल टैरिफ” के तहत एक नए टैरिफ वर्ग में संक्रमण है। साथ ही, उन्होंने यह भी जोड़ा कि भविष्य में राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत टैरिफ जांच में सेमीकंडक्टर और पूरी इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला को शामिल किया जा सकता है।

इन घटनाक्रमों के प्रति अमेरिकी शेयर बाजारों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। एसएंडपी 500 सूचकांक 0.79% की बढ़त के साथ बंद हुआ, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 0.78% की वृद्धि हुई, जबकि नैस्डैक कंपोजिट 0.64% चढ़ा। एशियाई बाजारों में भी इसी तरह का आशावाद देखने को मिला। जापान का निक्केई 225 0.89% बढ़ा, सिंगापुर का स्ट्रेट्स टाइम्स 1.4% ऊपर गया, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग, दक्षिण कोरिया का KOSPI और इंडोनेशिया का जकार्ता कंपोजिट क्रमशः 0.08%, 0.7% और 1.5% की बढ़त पर बंद हुए।

भारतीय बाजारों पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा। NIFTY सूचकांक 2.11% की उल्लेखनीय बढ़त के साथ 23,309.60 पर पहुंच गया। यह उछाल ट्रम्प की टिप्पणियों से उत्पन्न वैश्विक आशावाद को दर्शाता है।

गौरतलब है कि अमेरिका ने हाल ही में भारत सहित कई व्यापार साझेदारों पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ को 90 दिनों के लिए, यानी 9 जुलाई 2025 तक, स्थगित कर दिया है। हालांकि, इस अवधि में 10% का बेसलाइन टैरिफ लागू रहेगा। खासकर ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों में मिलने वाली इस टैरिफ राहत को लेकर निवेशकों और व्यापार विश्लेषकों की नजरें वैश्विक व्यापार संरचना और आपूर्ति श्रृंखला पर इसके प्रभावों पर टिकी हुई हैं।

इसी बीच, तेल की कीमतों में भी हलचल देखने को मिली। ब्रेंट क्रूड 0.18% बढ़कर 65 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा, जबकि वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) भी 0.18% की वृद्धि के साथ 61.64 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। ऐसी कीमतों में बदलाव प्रायः आर्थिक गतिविधियों की संभावनाओं और बाजार की धारणा को दर्शाते हैं।

संक्षेप में, अमेरिकी व्यापार नीति में हो रहे ये बदलाव वैश्विक वित्तीय बाजारों के लिए निर्णायक कारक बने हुए हैं। भले ही अल्पकालिक टैरिफ राहत से बाजार में तात्कालिक सकारात्मक प्रतिक्रिया उत्पन्न हो रही हो, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टि से व्यापार संबंधों की जटिलताओं और नीति कार्यान्वयन की बारीकियों पर सभी की पैनी नजर बनी रहेगी।

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