Sunday, April 27, 2025

चेपॉक में RCB की चुनौती: 17 साल का इंतज़ार खत्म होगा?

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को शुक्रवार को एमए चिदंबरम स्टेडियम में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के खिलाफ 17 साल से चले आ रहे हार के सिलसिले को तोड़ने के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।

आईपीएल के इतिहास में RCB ने चेपॉक में अब तक सिर्फ एक बार जीत हासिल की है। यह जीत 21 मई 2008 को टूर्नामेंट के पहले सीजन में आई थी, जब RCB ने CSK को 14 रन से हराया था। लेकिन उसके बाद से चेन्नई सुपर किंग्स ने इस मैदान पर RCB को हर मुकाबले में मात दी है।

चेपॉक में RCB बनाम CSK का रिकॉर्ड:

  • 2008 – RCB ने 14 रन से जीत दर्ज की
  • 2010 – 5 विकेट से हारा
  • 2011 – 21 रन से हारा
  • 2011 – 58 रन से हारा
  • 2012 – 5 विकेट से हारा
  • 2013 – 4 विकेट से हारा
  • 2015 – 24 रन से हारा
  • 2019 – 7 विकेट से हारा
  • 2024 – 6 विकेट से हारा

2008 के बाद से CSK ने 5 बार आईपीएल का खिताब जीता है, जबकि RCB अभी भी अपने पहले खिताब की तलाश में है। इस लिहाज से चेपॉक में दोनों टीमों के प्रदर्शन का अंतर उनके पूरे टूर्नामेंट में सफर को भी दर्शाता है।

स्पिन का दबदबा और RCB की चुनौती

चेपॉक की पिच हमेशा से स्पिन गेंदबाजों के अनुकूल रही है और इस बार भी हालात अलग नहीं हैं। रविचंद्रन अश्विन की वापसी से CSK का गेंदबाजी आक्रमण और मजबूत हुआ है। अश्विन के साथ रवींद्र जडेजा और अफगानिस्तान के युवा स्पिनर नूर अहमद की तिकड़ी विरोधी टीमों के लिए बड़ी मुसीबत बन सकती है। मुंबई इंडियंस के खिलाफ यह स्पिन तिकड़ी बेहद प्रभावशाली रही थी, जब उन्होंने 11 ओवरों में केवल 70 रन देकर 5 विकेट झटके थे।

RCB के बल्लेबाजों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी इस स्पिन आक्रमण का सामना करना। विराट कोहली ने हाल के वर्षों में स्पिन के खिलाफ अपने खेल में सुधार किया है और स्वीप और स्लॉग स्वीप जैसे शॉट्स का प्रभावी इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन उन्हें फिल साल्ट, क्रुणाल पांड्या और टिम डेविड जैसे बल्लेबाजों से समर्थन की जरूरत होगी।

इतिहास और आंकड़ों के लिहाज से चेपॉक में RCB की राह आसान नहीं है, लेकिन अगर वे इस मैदान पर अपना ‘अभिशाप’ तोड़ना चाहते हैं, तो उन्हें एक असाधारण प्रदर्शन करना होगा।

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