Sunday, November 16, 2025

क्या राजस्थान रॉयल्स (RR) को दोषपूर्ण रिटेंशन और नीलामी रणनीति की कीमत चुकानी पड़ी?

राजस्थान रॉयल्स (RR) IPL 2025 के प्लेऑफ की दौड़ से बाहर होने वाली दूसरी टीम बन गई है। गुरुवार को जयपुर में मुंबई इंडियंस (MI) के खिलाफ उन्हें 100 रन की करारी हार का सामना करना पड़ा। अब तक खेले गए 11 मैचों में से वे सिर्फ तीन मैच ही जीत पाए हैं। क्रिकेट विशेषज्ञ आकाश चोपड़ा और अभिनव मुकुंद का मानना है कि टीम की असफलता की जड़ उनकी रिटेंशन और नीलामी रणनीति में छुपी हुई है।

RR ने संजू सैमसन, यशस्वी जायसवाल, रियान पराग, ध्रुव जुरेल, शिमरोन हेटमायर और संदीप शर्मा को 120 करोड़ रुपये के पर्स में से 79 करोड़ में रिटेन किया। हालांकि, उन्होंने जोस बटलर, ट्रेंट बोल्ट, आर अश्विन, युजवेंद्र चहल और आवेश खान जैसे बड़े खिलाड़ियों को रिलीज कर दिया और नीलामी में उन्हें दोबारा खरीदने की कोशिश नहीं की।

ESPNcricinfo के ‘टाइम आउट’ कार्यक्रम में आकाश चोपड़ा ने कहा, “जब उन्होंने ऑल-इंडियन बैटिंग लाइन-अप के साथ जाने का फैसला किया, जिसमें सबसे अनुभवी बल्लेबाज़ संजू सैमसन थे और केवल शिमरोन हेटमायर एकमात्र विदेशी बल्लेबाज़ के रूप में टीम में थे, तो क्या यह एक व्यावहारिक विकल्प था?”

उन्होंने आगे कहा, “हम मानते हैं कि यह युवाओं का खेल है, लेकिन जब आप पूरी टीम को युवा खिलाड़ियों से भर देते हैं – चाहे वे कितने भी प्रतिभाशाली क्यों न हों – तो एक सीनियर खिलाड़ी की कमी खलने लगती है। पिछले सीज़न तक जोस बटलर उस भूमिका में थे। भारतीय टी20 टीम को भी सूर्यकुमार यादव जैसे अनुभवी खिलाड़ी की ज़रूरत होती है, जो बाकी बल्लेबाजों को संभाल सके। हार्दिक पांड्या जैसे खिलाड़ी कुछ स्थिरता देते हैं।”

चोपड़ा का मानना है कि युवा खिलाड़ियों से भरी टीम में प्रदर्शन की निरंतरता नहीं रहती और खराब दिन पर पूरी टीम लड़खड़ा सकती है। उन्होंने कहा, “वैभव सूर्यवंशी जैसे खिलाड़ी अच्छा कर सकते हैं, लेकिन पूरी टीम को एक साथ बनाए रखने के लिए कोई सीनियर नहीं है।”

आकाश चोपड़ा को लगता है कि ध्रुव जुरेल (14 करोड़ रुपये) और हेटमायर (11 करोड़ रुपये) को रिटेन करके राजस्थान रॉयल्स ने बहुत ज़्यादा खर्च कर दिया, जिससे उनका गेंदबाजी विभाग कमजोर रह गया। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि ध्रुव जुरेल को नीलामी में 14 करोड़ मिलते। और हेटमायर को भी शायद 11 करोड़ नहीं मिलते। यानी 25 करोड़ रुपये खर्च कर दिए, जबकि ये खिलाड़ी शायद 15-17 करोड़ में मिल सकते थे। उस स्थिति में आप 8-10 करोड़ बचाकर बेहतर गेंदबाज ले सकते थे।”

उन्होंने कहा कि IPL में स्पिनरों का खास महत्व होता है और भारतीय स्पिनरों पर निवेश करना समझदारी होती है। चहल को वापस न खरीदना एक बड़ी चूक रही। “चहल 18 करोड़ में बिके, आप उन्हें दोबारा नहीं खरीद सके। नूर अहमद जैसे स्पिनर को खरीदा जा सकता था, लेकिन उन्होंने वानिंदु हसरंगा को चुना, जिनका IPL रिकॉर्ड औसत रहा है।”

अभिनव मुकुंद ने भी चोपड़ा की बात का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “उनका सबसे महंगा गेंदबाज जोफ्रा आर्चर रहा, लेकिन उसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। भारतीय गेंदबाजों का चयन भी प्रभावशाली नहीं रहा। तुषार देशपांडे को 6.5 करोड़ में खरीदा गया, लेकिन उन्हें प्लेइंग इलेवन में भी जगह नहीं मिल रही है।”

उन्होंने आगे कहा, “उन्होंने नितीश राणा (4.2 करोड़) और वैभव सूर्यवंशी (1.1 करोड़) जैसे बल्लेबाजों में पैसा लगाया, लेकिन वो पैसा बेहतर गेंदबाजों में लगाया जा सकता था। पिछले साल उनके पास आवेश खान, चहल, अश्विन, ट्रेंट बोल्ट और संदीप शर्मा जैसे पांच भरोसेमंद गेंदबाज थे। लेकिन इस बार उन्होंने सिर्फ संदीप शर्मा को रिटेन किया और बाकी सबको जाने दिया। अब टीम उसकी कीमत चुका रही है।”

RR की एक और बड़ी कमजोरी ऑलराउंडर की कमी रही। इम्पैक्ट प्लेयर नियम के बावजूद टीम को गहराई की कमी झेलनी पड़ी। चोपड़ा ने कहा, “राजस्थान रॉयल्स एकमात्र टीम थी जिसके पास छठा बॉलिंग विकल्प नहीं था। रियान पराग ओवर फेंक रहे हैं, लेकिन क्या वे आपके सबसे अच्छे छठे गेंदबाज हैं? नहीं।”

उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगा कि वे इस समस्या को नीलामी में ठीक करेंगे, कोई ऑलराउंडर लाएंगे जो बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों कर सके। लेकिन उन्होंने उस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। जो कमी थी, उसे दूर नहीं किया गया, और जो ताकत थी, उसे फिर से हासिल करने की कोशिश भी नहीं की गई – खासकर बॉलिंग विभाग में।”

RR की नीलामी रणनीति और रिटेंशन फैसले अब उनकी हार की बड़ी वजह बनकर सामने आ रहे हैं। इस बार टीम ने जिन क्षेत्रों में निवेश किया, वे काम नहीं आए, और जिन जगहों पर सुधार की ज़रूरत थी, उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। यही रणनीतिक चूक उनके IPL 2025 अभियान की सबसे बड़ी हार साबित हुई।

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