भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शुक्रवार को जानकारी दी कि आने वाले सप्ताह में उत्तर-पश्चिम भारत को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। यह स्थिति दक्षिण-पश्चिम मानसून के सक्रिय होने और विभिन्न अनुकूल मौसम प्रणालियों के विकसित होने के कारण बन रही है।
IMD के अनुसार, उत्तर-पूर्व झारखंड में इस समय एक सुस्पष्ट निम्न दबाव प्रणाली बनी हुई है, जो धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रही है। इसके प्रभाव से बिहार में बुधवार तक भारी बारिश (24 घंटों में 64.5 मिमी से 115 मिमी तक) हो सकती है। इसके साथ ही, रविवार से मंगलवार के बीच उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में तथा मंगलवार और बुधवार को मध्य प्रदेश में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
वहीं, देश के पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में भी बारिश की गतिविधियाँ अगले सप्ताह की शुरुआत तक बनी रहेंगी। यह बारिश कोंकण क्षेत्र और केरल के बीच फैली एक अपतटीय द्रोणिका (ऑफशोर ट्रफ) के कारण होगी, जिससे अरब सागर से नम हवाएँ चल रही हैं।
IMD ने चेतावनी दी है कि बुधवार तक गुजरात, कोंकण, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, गोवा और तटीय कर्नाटक में तथा रविवार से बुधवार तक केरल और माहे में भारी बारिश की संभावना है। खासकर शुक्रवार को मध्य महाराष्ट्र और रविवार व सोमवार को गुजरात में बहुत भारी बारिश (24 घंटे में 115 मिमी से 204 मिमी तक) की संभावना जताई गई है।
शुक्रवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून ने और आगे बढ़ते हुए अपनी उत्तरी सीमा (नॉर्दन लिमिट) को जयपुर, आगरा, रामपुर, देहरादून, शिमला और मनाली तक पहुँचा दिया है।
IMD का कहना है कि आने वाले दो से तीन दिनों के भीतर मानसून मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद और पंजाब के अन्य हिस्सों में भी आगे बढ़ेगा।
विभाग ने यह भी बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के 26 जून से 2 जुलाई के बीच भारत के शेष हिस्सों को भी कवर करने की संभावना है। यदि ऐसा होता है, तो मानसून सामान्य तिथि (6 से 8 जुलाई) से पहले ही पूरे देश में पहुँच जाएगा।
1 जून से अब तक देशभर में औसतन 82.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जो सामान्य से लगभग 5 प्रतिशत कम है।