इन्फोसिस ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के लिए अपने योग्य कर्मचारियों को प्रदर्शन बोनस पत्र वितरित किए। हालांकि, अधिकतर कर्मचारियों ने शिकायत की कि इस बार उन्हें पिछली तिमाही की तुलना में काफी कम बोनस मिला है, जिससे उनके बीच नाराजगी और निराशा का माहौल है।
इस सप्ताह की शुरुआत में ही ऐसी रिपोर्टें सामने आई थीं कि इस तिमाही का बोनस पिछली बार से कम होगा। एक प्रमुख डिलीवरी यूनिट में डिलीवरी मैनेजर और एचआर प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में इस ओर संकेत मिलने के बाद कर्मचारियों ने बोनस में कटौती की आशंका जताई थी।
50% तक सीमित रहा बोनस
सूत्रों के अनुसार, अधिकांश पात्र कर्मचारियों को उनके तिमाही लक्ष्य बोनस का केवल 50% मिला है। कुछ कर्मचारियों को 70% तक भुगतान किया गया, जबकि बेहद सीमित संख्या में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को ही अपेक्षाकृत अधिक बोनस मिला।
बोनस का भुगतान मई महीने के वेतन के साथ किया जाएगा। हालांकि इस बार कंपनी ने एक छोटा आंतरिक संदेश जारी किया, जिसमें बोनस वितरण की जानकारी थी, लेकिन आमतौर पर मिलने वाला प्रबंधन का सराहना पत्र और भविष्य की व्यावसायिक दिशा पर संदेश इस बार अनुपस्थित था, जिससे कर्मचारियों को और भी निराशा हुई।
किन पदों को मिला बोनस?
इन्फोसिस JL5 (जॉब लेवल 5) और JL6 पर काम कर रहे कर्मचारियों को ही प्रदर्शन बोनस प्रदान करती है।
- JL5 स्तर में टीम लीडर जैसे पद आते हैं।
- इससे नीचे के पदों में सॉफ्टवेयर इंजीनियर, वरिष्ठ इंजीनियर, सिस्टम इंजीनियर और सलाहकार शामिल हैं, जिन्हें यह बोनस नहीं मिला।
- JL6 और उससे ऊपर में प्रबंधक, वरिष्ठ प्रबंधक, डिलीवरी मैनेजर और वरिष्ठ डिलीवरी मैनेजर जैसे प्रबंधन पद आते हैं। हालांकि उपाध्यक्ष स्तर (Vice President) के अधिकारी इस स्कीम में शामिल नहीं हैं।
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
एक दशक से इन्फोसिस में कार्यरत एक कर्मचारी ने बताया कि अपने अब तक के कार्यकाल में उन्हें सबसे कम बोनस दो साल पहले मिला था — 60%। लेकिन इस बार मिला 50% बोनस उनके लिए अब तक का सबसे कम भुगतान है। उन्होंने बताया कि बेहतर कारोबारी समय में उन्हें हमेशा पूरा बोनस (100%) मिला करता था।
बीते बोनस और वेतन संशोधन
इससे पहले दिसंबर तिमाही में कंपनी ने डिलीवरी और बिक्री विभागों में काम कर रहे कर्मचारियों को औसतन 80% बोनस दिया था। इन विभागों में कार्यरत कर्मचारी इन्फोसिस की कुल जनशक्ति — जो कि 3.23 लाख से अधिक है — का बड़ा हिस्सा हैं। फरवरी में कंपनी ने वेतन संशोधन पत्र भी वितरित किए थे, जिसमें अधिकांश कर्मचारियों को 5% से 8% के बीच वेतनवृद्धि दी गई थी।
कम बोनस के पीछे कारण
सूत्रों के अनुसार, सॉफ्टवेयर सेवा क्षेत्र में मौजूदा आर्थिक चुनौतियाँ — जैसे टैरिफ़ में अनिश्चितता, विकास दर में गिरावट और ग्राहकों की खर्च करने में सतर्कता — बोनस में कटौती के प्रमुख कारण हैं। एक आंतरिक कॉन्फ्रेंस कॉल में कर्मचारियों को बताया गया कि चौथी तिमाही में कंपनी के लाभ में आई गिरावट के चलते बोनस में कटौती करनी पड़ी।
पिछले महीने इन्फोसिस ने चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए थे, जिसमें उसका शुद्ध लाभ 11.7% घटकर 7,033 करोड़ रुपये रह गया था। कंपनी ने 2025-26 के लिए राजस्व वृद्धि को लेकर एकल-अंकीय (low single-digit) वृद्धि का अनुमान जताया है।
प्रबंधन का भरोसा
हालांकि, वरिष्ठ नेतृत्व ने कर्मचारियों को आश्वस्त किया कि यह स्थिति अस्थायी है और जैसे-जैसे व्यापार में सुधार होगा, वैसे-वैसे प्रदर्शन के आधार पर अधिक बोनस देने की सिफारिशों पर विचार किया जाएगा।
इस समय इन्फोसिस के हजारों कर्मचारी, खासकर मिड-लेवल पर, इस फैसले से असंतुष्ट हैं और उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में उनकी मेहनत का उचित मूल्यांकन किया जाएगा।