Monday, December 9, 2024

अर्जुन कपूर ने खुलासा किया कि उन्हें हाशिमोटो थायराइड रोग है

बॉलीवुड के अभिनेता अर्जुन कपूर ने हाल ही में अपनी जिंदगी के कुछ बेहद निजी पहलुओं को साझा किया है। “गुंडे,” “2 स्टेट्स” और “सिंघम अगेन” जैसी फिल्मों में अपने प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध अर्जुन ने मानसिक स्वास्थ्य और एक पुरानी शारीरिक स्थिति से जूझने के बारे में खुलासा किया। “हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया” के साथ एक खास बातचीत में अर्जुन ने बताया कि इन चुनौतियों ने उनके जीवन और करियर को किस तरह से प्रभावित किया है। पिछले कुछ सालों में उनके करियर में उतार-चढ़ाव आए हैं। “कुत्ते,” “द लेडी किलर,” और “एक विलेन रिटर्न्स” जैसी असफल फिल्मों के बाद, अर्जुन ने “सिंघम अगेन” में दमदार वापसी की। लेकिन इस सफलता के पीछे का संघर्ष उनकी असल जिंदगी का भी हिस्सा था।

आत्म-संदेह और अवसाद का संघर्ष

अर्जुन ने इंटरव्यू में बताया कि कैसे करियर की दबावों से जूझते हुए उन्होंने डिप्रेशन का सामना किया। उन्होंने कहा, “किसी भी प्रोफेशन में आत्म-संदेह होता है, लेकिन जब फिल्में सफल नहीं होती हैं, तो यह आत्म-संदेह धीरे-धीरे गहराता जाता है।” जब उनकी कई फिल्में असफल हुईं, तो उन्होंने महसूस किया कि इसका असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने लगा। उन्होंने बताया, “एक मोटा बच्चा होने के नाते, मैंने लंबे समय तक मानसिक आघात झेला, जो मुझ पर गहरे असर करता गया।”

अर्जुन ने आगे कहा कि इन असफलताओं के चलते उनका आत्म-संदेह बढ़ गया। “मुझे यह महसूस होने लगा कि मैं फिल्मों के प्रति अपने जुनून से अलग होता जा रहा हूं। मैं दूसरों के काम देखकर सोचता था कि क्या मैं भी ऐसा कर पाऊंगा या मुझे मौका मिलेगा?” इस दौरान अर्जुन ने थेरेपी लेना शुरू किया। उन्होंने बताया कि कैसे थेरेपी ने उन्हें भावनाओं को स्वीकारने और खुद को बेहतर तरीके से समझने में मदद की।

शारीरिक स्वास्थ्य की चुनौती: हाशिमोटो रोग

मानसिक स्वास्थ्य के अलावा अर्जुन कपूर ने अपनी एक और जटिल समस्या, हाशिमोटो रोग का जिक्र किया। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो थायरॉयड ग्रंथि को प्रभावित करती है। अर्जुन ने बताया, “मुझे हाशिमोटो रोग है, जो मेरे शरीर पर कई तरह से असर करता है। इसके कारण मेरा वजन बढ़ता है और थकान रहती है।” अर्जुन ने खुलासा किया कि यह बीमारी उनके परिवार में भी है। उनकी माँ और बहन को भी यही बीमारी है, जिसने उनके शरीर और आत्म-छवि पर गहरा असर डाला है। “मैं अपनी फिल्मों के दौरान अपने शरीर में बदलाव महसूस कर सकता था, जो मेरे लिए चुनौतीपूर्ण था।”

आत्म-स्वीकृति और उपचार की यात्रा

अर्जुन ने अपने जीवन के संघर्षों के बारे में खुलकर बात की और बताया कि थेरेपी के माध्यम से वह आत्म-स्वीकृति की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “अंततः आपकी भलाई का जिम्मा आप पर ही होता है।” अर्जुन का संघर्ष उनके चाहने वालों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है। मानसिक स्वास्थ्य और पुरानी बीमारी पर खुलकर चर्चा करना समाज में इस विषय को सामान्य बनाने में मदद कर सकता है।

आज, अर्जुन अपने जीवन में एक बेहतर स्थिति में हैं और अपने मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का प्रयास कर रहे हैं।

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