अमिताभ बच्चन और रेखा के बीच का यह वाकया उनके पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन के जुड़ाव को दर्शाने वाला एक दिलचस्प प्रसंग है। 1981 में आई फिल्म “सिलसिला” न केवल अपने समय की चर्चित फिल्मों में से एक थी, बल्कि इसके निर्माण के दौरान कई किस्से और घटनाएं भी सुर्खियों में रहीं।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि अभिनय की दुनिया में कलाकारों को भावनात्मक और मानसिक रूप से कितना संतुलित रहना पड़ता है। रेखा का डर और घबराहट स्वाभाविक थी, क्योंकि 15,000 लोगों की मौजूदगी में एक भावुक दृश्य को परफॉर्म करना आसान नहीं होता। अमिताभ बच्चन द्वारा जेम्स डीन की कहानी सुनाकर उन्हें प्रेरित करना न केवल एक सीनियर अभिनेता का मार्गदर्शन था, बल्कि यह उनकी सहानुभूति और अनुभव का भी परिचय था।
रेखा के शब्द, “यह अभिनय है,” इस बात की गहराई को दर्शाते हैं कि अभिनय केवल प्रदर्शन का नहीं, बल्कि भावनाओं को जीने और सही समय पर सही प्रतिक्रिया देने का माध्यम है। दोनों के बीच यह पेशेवर तालमेल और कैमिस्ट्री उनकी ऑन-स्क्रीन परफॉर्मेंस में साफ झलकता है।
“सिलसिला” में रेखा, अमिताभ और जया बच्चन के किरदारों के त्रिकोणीय रिश्ते ने दर्शकों को फिल्म से बांधे रखा। यह फिल्म अपने वक्त से आगे की सोच और कहानी कहने के तरीके के लिए आज भी याद की जाती है।