देशभक्ति से भरपूर भूमिकाओं के लिए प्रसिद्ध अभिनेता और निर्देशक मनोज कुमार का 4 अप्रैल, 2025 को 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से भारतीय सिनेमा के एक युग का अंत हो गया है।
उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के एक स्थानीय कलाकार जुहैब खान ने दिवंगत अभिनेता को एक अनोखे अंदाज़ में श्रद्धांजलि अर्पित की। खान ने कोयले (चारकोल) से मनोज कुमार का सुंदर चित्र बनाकर उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
जुहैब खान, जो समसामयिक घटनाओं पर आधारित दीवार चित्र बनाने के लिए कोयले का उपयोग करने में माहिर हैं, ने इस चित्र को आम जनता के साथ साझा किया।
एएनआई से बात करते हुए, उन्होंने कहा, “मैं एक चित्रकार हूं और समसामयिक घटनाओं पर आधारित कोयले से दीवारों पर चित्र बनाता हूं। जब मुझे मनोज कुमार जी के निधन की खबर मिली, तो मैंने तुरंत उनका चित्र बनाकर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ऐसी फिल्में बनाईं, जिन्होंने समाज को दिशा दी। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति मिले।”
मनोज कुमार ने मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में सुबह 4:03 बजे अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार 5 अप्रैल, 2025 को सुबह 11 बजे मुंबई के विले पार्ले स्थित पवन हंस में किया जाएगा, जिसकी पुष्टि उनके बेटे कुणाल गोस्वामी ने की है।
फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने जानकारी देते हुए कहा, “लगभग 11:30 बजे मनोज कुमार जी का अंतिम संस्कार जुहू के एक श्मशान घाट पर किया जाएगा। मैं फिल्म उद्योग के सभी लोगों से अपील करता हूं कि वे उनके अंतिम दर्शन के लिए अवश्य आएं, क्योंकि वह एक महान फिल्म निर्माता और अभिनेता थे।”
मनोज कुमार का जन्म 24 जुलाई, 1937 को एबटाबाद (अब पाकिस्तान में) में हरिकृष्ण गोस्वामी के रूप में हुआ था। उन्होंने अपने फिल्मी करियर में देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत किरदारों को जीवंत किया, जिससे उन्हें “भारत कुमार” की उपाधि मिली।
उनकी प्रसिद्ध फिल्में – शहीद (1965), उपकार (1967), और पूरब और पश्चिम (1970) – भारतीय सिनेमा में राष्ट्रवाद की पहचान बन गईं।
निर्देशक और निर्माता के तौर पर भी उनका योगदान उल्लेखनीय रहा। उनकी पहली निर्देशित फिल्म उपकार ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में दूसरी सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का सम्मान प्राप्त किया।
अन्य सफल फिल्मों में रोटी कपड़ा और मकान (1974) और पूरब और पश्चिम शामिल हैं, जो ना केवल व्यावसायिक रूप से सफल रहीं बल्कि आलोचकों द्वारा भी सराही गईं।
उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें “भारतीय सिनेमा का प्रतीक” बताते हुए उनकी फिल्मों में निहित राष्ट्रीय गौरव को याद किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई राजनीतिक हस्तियों और बॉलीवुड कलाकारों ने भी मनोज कुमार के अमूल्य योगदान को नमन करते हुए अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
मनोज कुमार की कला, उनकी देशभक्ति और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी फिल्मों की विरासत सदैव अमर रहेगी।