Wednesday, July 16, 2025

अप्रैल 2025 में GST संग्रह 12.6% की बढ़त के साथ ₹2.37 लाख करोड़ के उच्चतम स्तर पर

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2025 में वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह में साल-दर-साल 12.6% की बढ़त दर्ज की गई है और यह ₹2.37 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। यह अब तक का सबसे अधिक मासिक संग्रह है।

इसके मुकाबले अप्रैल 2024 में GST संग्रह ₹2.10 लाख करोड़ रहा था, जो अब तक का दूसरा सबसे बड़ा संग्रह था। वहीं, मार्च 2025 में यह आंकड़ा ₹1.96 लाख करोड़ पर था।

घरेलू लेन-देन से मिलने वाला GST राजस्व अप्रैल 2025 में 10.7% की बढ़त के साथ ₹1.9 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जबकि आयातित वस्तुओं से होने वाला राजस्व 20.8% की बढ़त के साथ ₹46,913 करोड़ हो गया।

रिफंड जारी करने की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। अप्रैल 2025 में 48.3% की बढ़त के साथ कुल ₹27,341 करोड़ के रिफंड जारी किए गए। रिफंड समायोजन के बाद अप्रैल का शुद्ध जीएसटी संग्रह 9.1% बढ़कर ₹2.09 लाख करोड़ से अधिक हो गया।

मार्च 2025 की तुलना में भी संग्रह में वृद्धि हुई है, जहां उस महीने ₹1.84 लाख करोड़ का शुद्ध संग्रह दर्ज किया गया था। इसका मतलब है कि मासिक आधार पर 6.8% की बढ़त हुई है।

IVI इंडिया के टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने जीएसटी डेटा पर टिप्पणी करते हुए कहा, “रिकॉर्ड स्तर का GST संग्रह वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की आंतरिक मजबूती को दर्शाता है।” उन्होंने आगे कहा कि हालांकि मौजूदा वैश्विक आर्थिक हालात को देखते हुए अगले महीने GST संग्रह में कुछ कमी देखी जा सकती है, लेकिन भारत की आर्थिक दिशा को लेकर समग्र रूप से दृष्टिकोण सकारात्मक है।

गौरतलब है कि देश में GST1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था, और इसके लागू होने के बाद यदि किसी राज्य को राजस्व का नुकसान होता है तो केंद्र सरकार ने उन्हें मुआवजा देने का आश्वासन दिया था।

जीएसटी परिषद, जो एक संघीय निकाय है और जिसके अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री होते हैं तथा सभी राज्यों के वित्त मंत्री इसके सदस्य होते हैं, इस पूरी प्रणाली के संचालन में अहम भूमिका निभाती है। GST परिषद की नवीनतम बैठक 21 दिसंबर को राजस्थान के जैसलमेर में आयोजित की गई थी।

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